

4 बागियों की सदस्यता खत्म कराने के लिए स्पीकर को लिखा पत्र 25 जून को सुनवाई
आमने सामने, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, बिहार, विधान सभा June 23, 2014 , by ख़बरें आप तकजदयू के चार बागी विधायकों-ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार बबलू, रवींद्र राय और राहुल शर्मा की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा पैदा हो गया है. पार्टी के मुख्य सचेतक व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी से इनकी सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा की है. इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने इन चारों विधायकों को शनिवार को ही नोटिस जारी कर दिया.
25 जून को विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में इस मामले की सुनवाई होगी. इसी दिन उनकी सदस्यता पर फैसला होगा. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्यसभा उपचुनाव में जदयू के 18 बागी विधायकों ने पार्टी के दोनों प्रत्याशी की जगह दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों को अपना वोट दिया था. इन चारों विधायकों पर पार्टी के बागियों का नेतृत्व करने का आरोप है.
उन्होंने पार्टी के निर्देश की अनदेखी कर न सिर्फ अपना वोट निर्दलीय प्रत्याशियों को दिया, बल्कि दूसरे विधायकों को भी वोट डालने के प्रेरित करते रहे. इन बागी विधायकों पर पार्टी लाइन से हट कर और पार्टी विरोधी काम करने का मामला राज्यसभा उपचुनाव में साबित हुआ है. ये नेता राज्यसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों के भी पोलिंग एजेंट बने थे. इनके अलावा बचे 14 अन्य बागी विधायकों के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाये, इस पर पार्टी विचार कर रही है. ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि बाकी विधायकों को पार्टी से कुछ दिनों के लिए निलंबित किया जा सकता ह
महुआ के विधायक रवींद्र राय को इसी महीने निलंबित किया गया है, जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बागियों का फोन टेपिंग का आरोप लगाया था. बाद वह राज्यसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रस्तावक बने और पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध क्रास वोटिंग भी की. इसके पहले लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप में एक साथ जदयू से विधायक रेणु कुशवाहा, पूनम यादव और सुजाता देवी को निलंबित किया था.
बिहारीगंज की विधायक रेणु कुशवाहा पर अपने पति और मधेपुरा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में खड़े विजय कुशवाहा की मदद करने का आरोप था. पूनम यादव पर खगड़िया से राजद प्रत्याशी के रूप में खड़ी अपनी बहन कृष्णा यादव को मदद करने और पिपरा विधायक सुजाता देवी को भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने के आरोप था. सुजाता देवी व पूनम यादव को निलंबनमुक्त करने की बात हो रही थी. लेकिन, सुजाता देवी ने भी राज्यसभा उपचुनाव में क्रास वोटिंग की है.
जदयू की दो विधायक अन्नु शुक्ला व रेणु कुशवाहा की सदस्यता रद्द करने का मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास सुरक्षित है. इन दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी ने 11 जून को सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी. दो दिनों की सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जदयू के चार बागी विधायकों के रवैये पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सख्त रुख अपनाया है. पार्टी द्वारा उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सरकार में हैं. विक्षुब्धों के खिलाफ पार्टी कार्रवाई करेगी. पार्टी में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता बरदाश्त नहीं की जायेगी. अगर कार्रवाई नहीं होगी तो अनुशासनहीनता और बढ़ेगी. यह पार्टी के लिए सही नहीं है. कोई अनुशासन तोड़ता है, तो उसके खिलाफ पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए.
दिल्ली से पटना लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं विक्षुब्ध विधायकों से व्यक्तिगत रूप से बात करूंगा और उनसे लौट आने का आग्रह करूंगा. ऐसा नहीं है कि सभी 18 विधायक, जिन्होंने राज्यसभा उपचुनाव में हमें वोट नहीं दिया है, वे सभी पार्टी से अलग हो गये हैं या फिर विरोधी हो गये हैं. उन सभी से बात की जायेगी कि किस बात से उनकी नाराजगी है. उसे दूर करने की कोशिश की जायेगी. इसके लिए मैं पार्टी के नेताओं से भी बात करूंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे विधायक, जो पार्टी व उसके नेता के विरोध करने का कठोर निर्णय ले चुके हैं और पार्टी के साथ नहीं आ सकते हैं, उन पर पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए.
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