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15 तक टूट सकता है भीषण गरमी का रिकॉर्ड

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शनिवार से पछुआ हवा भी चलेगी, जिससे बढ़ेगी गरमी
बिहार के नॉर्थ इस्ट इलाके में अाज भर हल्की बारिश की संभावना
पटना : बिहार का मौसम पिछले तीन दिनों से काफी सुहाना था, लेकिन पटना व गया में गरमी अचानक से बढ़ गयी है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 15 मई तक दोनों जिलों में गरमी इतनी अधिक बढ़ सकती है कि पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं. पटना का ऑल टाइम रिकॉर्ड 2005 में 29 मई को पारा 45.6 डिग्री तक गया था. वहीं, गया का ऑल टाइम रिकॉर्ड वर्ष 1970 में 14 मई को 47.1 डिग्री का है. आशंका है कि तापमान इसके आस-पास या उससे भी ऊपर जा सकता है.
शनिवार से पछुआ हवा भी चलेगी, इस कारण से गरमी बढ़ जायेगी. शुक्रवार को भी पटना का अधिकतम पारा 36.6 एवं गया का अधिकतम पारा 40.6 डिग्री रहा है. वहीं, नाॅर्थ इस्ट बिहार में हल्की बारिश की संभावना शनिवार को भी है, लेकिन पटना व गया का मौसम बिल्कुल साफ रहेगा.
पश्चिमी विक्षोभ नहीं हो रहा स्ट्रांग
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ग्लोबल सिस्टम है, जो कि पश्चिमी विक्षोभ को स्ट्रांग नहीं कर पा रहा है और विक्षोभ मजबूती से बिहार तक नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में बिहार में बारिश कम हो रही है. अगर नदी-तालाब के साथ पेड़-पौधे रहते, तो लोकल स्तर पर बारिश होने में सहायता मिलती है. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है और बिहार में हर साल गरमी जल्दी आ रही है, जो कि अप्रैल माह के अंत में ही 40 डिग्री पार कर जा रही है और मई में 44 डिग्री तक पहुंच जा रही है. क्योंकि बारिश कम होने से धरती में नमी कम होती है. हवा में फैले धूल-कण तुरंत गरम हो जाते हैं.
पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हुआ है और जाड़े में बारिश नहीं हो रही है. इस कारण से ठंड जल्दी खत्म हो जाती है. हाल के दिनों में बे ऑफ बंगाल व हिंद महासागर जल्दी गरम हो रहा है, क्योंकि अभी तक वहां इनलिनो का प्रभाव कायम है. ऐसे में गरमी इतनी अधिक हो रही है. अगर गरमी से बचना है, तो पेड़-पौधे लगाने पड़ेंगे. वरना समुद्री वायु में तेजी से परिवर्तन होता रहेगा. अभी जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है. यह ग्लोबल वार्मिंग है, जो हर उस सिस्टम को कमजोर कर रहा है, जो मौसम पर कंट्रोल करता है.
रास बिहारी सिंह, भूगोलविद् सह कुलपति, पटना विवि
शनिवार से पटना व गया में गरमी बढने की आशंका है. फोरकास्ट के मुताबिक गया का तापमान अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ सकता है यानी ऑल टाइम रिकॉर्ड 47.1 डिग्री के पास या पार कर सकता है. ऐसे में दोनों जगहों पर गरमी बढ़ेगी और लोगों को गरमी से परेशानी होगी.
आनंद शंकर, मौसम विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर.
पटना : गरमी के मौसम में लू लगने व खाना खाने से अकसर लोग बीमार होते हैं, खास कर ऐसे में बच्चों की संख्या अधिक होती है. गरमी के मौसम में हीट स्ट्रोक या लू जानलेवा भी हो सकती है. इस संबंध में हमने आइजीआइसी व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल से बातचीत की. डॉ अग्रवाल ने कहा कि गरमी में फूड प्वाइजिंग मुख्य रूप से बाहर खाने से होती है. उन्होंने लू से बचाव व लू लग जाने पर प्राथमिक उपचार के बारे में भी बताया.
तेज धूप में खास कर बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
बहुत जरूरी हो, तो खुद भी भरपूर पानी पीकर और सूती कपड़े पहन कर बाहर निकलें.
सिंथेटिक कपड़ों से लू लगने की आशंका बढ़ जाती है.
बच्चों के जरूरी कपड़ों के अलावा बाकी कपड़े उतार दें.
ठंडे पानी से बदन को तब तक पोछते रहें, जब तक बुखार कम
नहीं हो जाये.
बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में ओआरएस का घोल पिलाते रहें.
मरीज को तुरंत नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं.
लू के लक्षण
लू लगने के बाद तेज बुखार आता है. कभी-कभी बुखार 105 से 106 डिग्री फॉरेनहाइट तक हो जाता है.
ऐसे बुखार में पसीना नहीं आता है. सांस लेने में परेशानी होती है.
बेहोशी छाने लगती है. मुंह सूखने लगता है
नमक व पानी की कमी हो जाती है.

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