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होटल टेंडर घोटाला मामले में CBI ने लालू यादव से की 7 घंटे तक पूछताछ

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सीबीआई ने आरजेडी नेता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में बृहस्पतिवार को सात घंटे से अधिक पूछताछ की। सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्री अपनी पुत्री मीसा के साथ सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे। होटल घोटाला मामले में सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी को नोटिस जारी करते हुए तीन और चार अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन लालू यादव किन्हीं कारणों से उस दिन सीबीआई मुख्यालय नहीं पहुंचे थे। सूत्रों का कहना है कि बृहस्पतिवार को करीब 11 बजे लालू यादव अपनी पुत्री के साथ सीबीआई पहुंचे। उनकी पुत्री को मुख्यालय की लॉबी में ही बैठा लिया गया जबकि लालू यादव मामले की तफ्तीश कर रहे अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुए। उनसे समाचार लिखे जाने तक पूछताछ जारी थी। होटल घोटाला मामले में उनके पुत्र तेजस्वी को भी नोटिस सीबीआई अधिकारी कर चुके हैं देखना है कि वह शुक्रवार को मुख्यालय में पेश होते हैं या नहीं।
सीबीआई का कहना है कि आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव को पहले 11 सितम्बर को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया था और अगले दिन उनके बेटे को। लेकिन उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी। इसके बाद उन्हें तीन और चार अक्टूबर को सीबीआई मुख्यालय में पेश होना था। लेकिन इस बार उन्होंने 20 दिन का समय मांगा था। सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें 20 दिन का समय ना देकर एक हफ्ते की मोहलत दी थी। गौरतलब है कि वर्ष 2006 में लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने बीएनआर रांची और पुरी स्थित रेलवे होटलों के रखरखाव का काम सूजाता होटल के मालिक विनय तथा विजय कोचर को सौंपा था। रिश्वत के तौर पर उन्होंने कोचर की कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ बेनामी जमीन ली थी।
ये है मामला
सीबीआई ने जानकारी देते हुए बताया कि मई 2004 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे जो उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने पटना स्थित होटल चाणक्य के मालिक विनय कोचर ओर विजय कोचर के साथ मिल कर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया है। भ्रष्टाचार की साजिश में आईआरसीटीसी के एमडी सहित अन्य लोग भी शामिल हैं। इस शिकायत के आधार पर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया और तफ्तीश में पता चला कि करोड़ों रुपये का यह घोटाला वर्ष 2004 से 2014 के बीच किया गया है। तफ्तीश पूरी होने के बाद पांच जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई।
ये लोग हैं नामजद
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी के अलावा जो लोग शामिल हैं उनमें पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव निवासी (पटना बिहार) सरला गुप्ता तीन मूर्ति लेन नई दिल्ली, विजय कोचर तथा उनका भाई विनय कोचर (सतबड़ी दक्षिण दिल्ली) पी के गोयल पूर्व एमडी आईआरसीटीसी (डीएलएफ फेज एक गुरुग्राम) तथा मैसर्स लारा प्रोजेक्ट्स उर्फ एलएलपी मैसर्स लारा प्रोजेक्ट्स प्रा.लि., मैसर्स डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्रा.लि. है। कंपनी का दक्षिण दिल्ली न्यू फ्रेंडस कालोनी में डी-1088 में रजिस्टर्ड ऑफिस है। सरला गुप्ता के पति प्रेमचंद गुप्ता राज्यसभा से सांसद हैं। लेकिन वह कंपनी में निदेशक के बाद पर नहीं है। प्राथमिकी में उनको आरोपी नहीं बनाया गया है। इनके अलावा अज्ञात लोग भी शामिल हैं। सभी आरोपियों को साजिश रच कर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार करने की धाराओं में शामिल किया गया है।
94 करोड़ की जमीन 65 लाख में
तफ्तीश में यह सामने आया है कि पूर्व रेल मंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान रांची और पुरी में बीएनआर होटलों के विकास, रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर निकाले थे। बीएनआर होटल रेलवे के हेरिटेज होटल हैं जिन्हें आईआरसीटीसी ने अपने अधीन कर लिया था।। दोनों होटलों का टेंडर मैसर्स सुजाता होटल प्रा.लि. को दिया गया था। सुजाता होटल प्रा.लि. के मालिक विजय कोचर और उनका भाई हैं। उनका कहना है तफ्तीश में यह भी खुलासा हुआ है कि विनय कोचर और हर्ष कोचर ने 25 फरवरी 2005 में पटना स्थित तीन एकड़ जमीन को दस सेलडीड के जरिये सरला गुप्ता की कंपनी डीएमसीएल को ट्रांसर्फर की गई और बाद में पूर्व रेल मंत्री की पत्नी की कंपनी लारा प्रोजेक्ट्स को ट्रांसर्फर की गई। सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक का कहना है कि जिस सम्पति की कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 32 करोड़ रुपये थे और मार्केट मूल्य 94 करोड़ रुपये उस जमीन को मात्र 65 लाख रुपये में बेचा गया था।

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