हिंदी नववर्ष विक्रम सम्वत 2073 का आरंभ आठ अप्रैल से
ऑडियो, सम्पादकीय, स्पेशल रिपोर्ट April 5, 2016हिंदी नववर्ष विक्रम सम्वत 2073 का आरंभ आठ अप्रैल से होने जा रहा है। हिंदी पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदी नववर्ष प्रारंभ होता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्र भी शुरु हो रहे हैं। इस नवसंवत्सर का नाम साधारण सम्वतसर है। नवसम्वत कैसे रहेगा और नवरात्र में पूजन कितना शुभ फल देंगे। इन सभी के बारे में कुछ ज्योतिषों की अपनी-अपनी राय है। नवसम्वत का प्रवेश कन्या लग्न में हो रहा है। इस बार सम्वत का राजा शुक्र और मंत्री बुध है। हम बता रहे कि राजा शुक्र किस पर क्या असर डालेंगे।
महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा, सृजनात्मक लोगों को मिलेगा लाभसंवत के राजा शुक्र के कारण इस वर्ष स्त्री वर्ग, कला मनोरंजन और रचनात्मक कार्य करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग का बोलाबाला रहेगा। स्त्रियों का वर्चस्व बढ़ेगा। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग, आभूषण विक्रेता, डेकोरेटर, सौंदर्य प्रसाधन आदि का कार्य करने वालों के लिए नवसम्वत शुभ होगा।
अच्छी होगी पैदावारइस संवत में अच्छी और समय पर बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। इससे अनाज और फलों की पैदावार अच्छी होगी। लोग सुविधाओं का अधिक इस्तेमाल कर सकेंगे। किसान और व्यापारी वर्ग का लाभ बढ़ेगा।
नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहणज्योतिषी विभोर इंदूसुत का कहना है कि संवत 2073 (अप्रैल 2016 से मार्च 2017) में समस्त भूमंडल पर केवल दो सूर्यग्रहण होंगे, लेकिन भारत से इस वर्ष कोई भी ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए एक सितंबर 2016 और 25 फरवरी 2017 को पड़ने वाले ग्रहण देश में मान्य नही होंगे।
ठा पटक भी खूब रहेगी, दुर्घटनाएं बढ़ेंगीइस वर्ष नवसम्वत प्रवेश कुंडली में राजा शुक्र का उच्च राशि में बैठना शुभ है, लेकिन वर्ष मध्य तक बन रहे गुरु चांडाल योग और शनि, मंगल के विध्वंसकारी योग के चलते वर्ष मध्य तक उठा पटक की स्थिति रहेगी। विशेषकर नौ मई में बृहस्पति के मार्गी होने के बाद समाज में उठा पठक की स्थिति बनेगी। असामाजिक तत्व उपद्रव फैलाएंगे। साथ ही प्राकृतिक आपदा, आंधी तूफान, भूकंप जैसी घटनाएं भी होंगी। शनि मंगल के योग के कारण भी दुर्घटनाओं की अधिकता रहेगी, लेकिन अगस्त में बृहस्पति के कन्या राशि में आने पर चल रही सामाजिक और प्राकृतिक उठा पटक और आपदाओ की रोकथाम होगी और समाज में शांति आएगी। साथ ही शनि मंगल का विध्वंसकारी योग भी सितंबर माह में समाप्त होने पर शुभ कामों में वृद्धि होगी।
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