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हाल ‘7 निश्चय’ का: नहीं है नल में जल, आफत बना बिजली बिल

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में शामिल “हर घर को नल से जल” व “हर घर बिजली” योजना में शामिल रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के उदयपुर के घरों में लगे नल से अब जल नहीं टपकते. जबकि मुख्यमंत्री के सामने जल निकलते दिखा दिया गया था. दूसरी ओर महज एक महीने के हजारों में आये बिजली बिल से ग्रामीणों की शामत आ गई है.
गौरतलब है कि गत 22 दिसम्बर को अपने निश्चय यात्रा पर आये मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय सासाराम से 25 किमी दूर स्थित उदयपुर गांव के हर घर को नल से जल व बिजली योजना का शुभारम्भ कियाथा. खुले में शौच से मुक्ति पाने वाले गांवों में उदयपुर राज्य में मील का पत्थर साबित हुआ था. आर्थिक तंगी से जूझती गांव की महिलाओं ने अपना मंगल सूत्र तक गिरवी रख घरों में शौचालय बनवा स्वच्छता अभियान की सारथी बनी थी. सुर्ख़ियों में आए इस गांव की गाथा सुन मुख्यमंत्री ने खुद ही यहां अपने सात निश्चय योजना को कार्यरूप देने की जिला प्रशासन से मंशा जताई थी.
उदयपुर गांव में पांच वार्ड है. योजना के पहले चरण में आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर तबके वाले वार्ड न. 5 के 99 घरों में व वार्ड न.6 के 32 घरों में नल लगाये गये. मुख्यमंत्री के दौरे को ध्यान में रख जिला प्रशासन की देख-रेख में युद्ध स्तर पर कार्य कर सिंटेक्स वाली पानी की एक टंकी गांव में लगी. बिजली से हर घरों को जोड़ दिया गया. मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नलों से जल टपका कर योजना को अमली जामा पहनाया गया. पर मुख्यमंत्री के जाते ही नलों से पानी टपकना जो बंद हुआ वह आज तक वैसा ही है. बिजली जल रही है पर हजारो में आये बिल को सुधरवाने के लिए ग्रामीण कार्यालयों का चक्कर लगा रहे है.
गांव की पार्वती देवी कहती है, साहब यह छलावा है. मुख्यमंत्री उस दिन मेरे घर में आकर नल की चाबी खोल कर पानी गिराया था. पर उसके बाद आज तक उससे पानी नहीं आया. जगरोपन राम, शोभनाथ राम,दुलारचंद पासवान, लालधारी पासवान की माने तो उद्घाटन के बाद गत 4जनवरी को गांव का निरीक्षण करने आये स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त सचिव अरुण बरोका के सामने नलों से 4-5 घंटों के लिए पानी टपकाए गये थे और बिजली का हाल तो मत पूछिये. संजय शर्मा के नाम एक महीने का बिल 8 हजार, बिनोद कुमार को 12 हजार, दुलार पासवान को 6हजार के बिल ने होश उड़ा दिए. लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आने के पूर्व यहां हर रोज डीएम, एसडीओ बीडीओ आकर घंटों बैठ कर काम कराते थे. अब बीडीओ तक पानी की शिकायत सुनने को भी तैयार नहीं. बिजली विभाग के अधिकारी कर्मी बिल सुधार में रूचि ही नहीं दिखाते. अगर मुख्यमंत्री का यही निश्चय है तो आगे भगवान् ही हैंमालिक. इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर संझौली की बीडीओ गायत्री देवी कहती है- ग्रामीण झूठ बोलते है. गांव में नलों से पानी चल चल रहा है. अगर नहीं मिल रहा है तो मै देखती हूं.

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