Comments Off on हाफि‍ज सईद के कहने पर करवाये मुंबई में हमले-हेडली 1

हाफि‍ज सईद के कहने पर करवाये मुंबई में हमले-हेडली

अपराध, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें

पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले का राज खोलते हुए बयान दिया कि इस हमले में जमात-उल-दावा और लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आईएसआई और पाकिस्तान सेना का हाथ था।हेडली ने हाफिज के अलावा आईएसआई के मेजर इकबाल, मेजर अली, मेजर साजिद मीर और लश्करे तोएबा के जकी-उर-रहमान की भूमिका का भी खुलासा किया। अदालत में हेडली ने हाफिज के फोटो की भी पहचान की।सोमवार को हेडली शिकागो की जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की एक अदालत में अपना बयान दर्ज करा रहा था। मुंबई की अदालत ने हेडली को वादा माफ गवाह बनाया है। 26/11 के आतंकी हमले के मामले के एक आरोपी अबू जुंदाल के खिलाफ केस चल रहा है। उसमें हेडली को वादा माफ गवाह बनाया गया है। उसकी गवाही मायने रखती है। अदालत में हेडली की मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी, अबू जुंदाल के वकील एजाज नकवी और विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम उपस्थित थे। हेडली की गवाही सुबह सात बजे से शुरू हुई। पांच घंटे तक चली गवाही के दौरान दो बार बीस-बीस मिनट के ब्रेक हुए।हेडली ने अपने पांच घंटे के बयान में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उसने बताया कि हाफिज के इशारे पर हमले किए गए और इसमें आईएसआई और पाक सेना ने मदद की। हमले के लिए पैसे भी दिए गए थे।
हेडली ने बताया कि उसे पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार किया गया था। लेकिन लश्कर के नेता जरी-उर- रहमान उर्फ लखवी ने उसे दूसरे मिशन के लिए भारत भेजने को कहा। हेडली ने यह भी बताया कि 26/11 के आतंकी हमले से पहले सितम्बर 2008 और अक्तूबर 2008 में भी हमले की कोशिश की गई थी। लेकिन सितम्बर में समंदर में एक पत्थर से टकराने के बाद बोट को नुकसान पहुंचा था जिससे बोट पर सवार सभी 10 आतंकी लाइफ जैकेट की मदद से लौट गए थे। हथियार और बारूद समंदर में डूब गए थे। दूसरी बार किस वजह से हमले की कोशिश नाकाम हुई थी, यह पता नहीं था। लेकिन तीसरी कोशिश में मुंबई पर वही दसों आतंकियों ने हमला करने में कामयाबी पाई थी। इन दस आतंकियों में अजमल आमिर कसाब भी था जिसे हमले के दौरान मुंबई पुलिस ने उसे जिंदा पकड़ था।
अदालत में हेडली पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना बयान दर्ज करा रहा था। उसने बताया कि किस तरह से वह हाफिज के संपर्क में आया और फिर उसे आईएसआई और पाक सेना के अफसरों से मिलाया गया और उसे मुजफ्फराबाद में लश्करे तोएबा के ट्रेनिंग सेंटर में आतंकी ट्रेनिंग देकर भारत भेजा गया।
हेडली ने खुलासा किया कि वह हाफिज के प्रभावित था और उसके भाषणों को सुनकर लश्कर में प्रवेश किया था। अदालत में बयान देने के दौरान हेडली हाफिज का नाम अदब से लेते हुए उसे साहब कहकर बुला रहा था। लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर में हेडली को हाफिज, जकी-उर-रहमान, आईएसआई और पाक सेना के अफसरों ने ट्रेनिंग दी थी। पाक के मेजर अली ने हेडली को मुंबई के हमले के लिए चुना था।
हेडली ने बताया कि वह वर्ष 2002 में लश्कर में शामिल हुआ था। वह फर्जी पासपोर्ट से आठ बार भारत आया था। सात बार वह पाकिस्तान के रास्ते तो एक बार यूएई के रास्ते से भारत आया था। वह आतंकी हमले के बाद मार्च 2009 में भी लाहौर से भारत आया था। उसने बताया कि पाक सेना के अफसरों ने उसे भारत की वीजा दिलाने में मदद की थी।
हेडली ने कबूला किया कि लश्कर के लिए काम करने के लिए उसने अपना असली नाम दाऊद जिलानी से बदलकर डेविड कोलमैन हेडली रखा। हेडली ने यह भी बताया कि हाफीज ने ही उसे आईएसआई के मेजर इकबाल से मिलाया था। मेजर इकबाल ने मेजर अली से मुलाकात कराई थी। वर्ष 2006 में साजिद मीर ने हेडली को टास्क के बारे में बताया था। उसने उसे मुंबई की रेकी के लिए भेजा था। वह उसे ई-मेल के जरिए निर्देश देता था और उसे उसी निर्देश के तहत रेकी के वीडियो भेजता था।
हेडली ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के पेशावर में वर्ष 2002-03 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। वह वहां एक ड्रग्स स्मगलर से मिलने ने गया था। उसने पुलिस के सामने कबूल किया था कि वह भारत में कुछ हथियार भेजना चाहता था जिस वजह से उस ड्रग्स स्मगलर से मिलना चाहता था।
अदालत के बाहर निकम ने पत्रकारों से कहा कि हेडली ने अपने बयान में एक चौथाई खुलासा किया है जिसमें हाफीज, आईएसआई और पाक सेना की भूमिका स्पष्ट हुई है। हेडली का बयान अभी तीन दिन और जारी रहेगा और उसमें और भी कई सनसनीखेज खुलासे होंगे।

Back to Top

Search