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हाफिज-सलाहुद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान के बारे में फैसला 30 को

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के कथित वित्तपोषण के मामले में आतंकवादी मास्टरमाइंड हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन तथा दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया. अदालत इस पर संज्ञान लेने के बारे में 30 जनवरी को फैसला करेगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत ने आरोपपत्र पर दलीलें सुनने के बाद इसकी अगली सुनवाई की तारीख 30 जनवरी तय की. तब अदालत एनआईए के 12,794 पन्नों के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के संबंध में निर्णय लेगी.
जांच एजेंसी ने अदालत में कहा कि आतंकी संगठन लश्करे तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत 12 लोगों के खिलाफ जम्मू कश्मीर में आतंकवादी एवं अलगाववादी गतिविधियां चलाकर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश को लेकर आरोपपत्र दायर किया गया है. उन पर भादसं और अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं.
आरोपपत्र में सईद और सलाहुद्दीन के अलावा दस अन्य लोगों में हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद भट, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया सलाहकार एवं रणनीतिकार आफताब अहमद शाह, अलगाववादी संगठन नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष नईम फारुक खान, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (आर) के अध्यक्ष फारुक अहमद डार, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी गुट) के मीडिया सलाहकार मोहम्मद अकबर खांडेय, तहरीके हुर्रियत के पदाधिकारी राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, हवाला कारोबारी जहूर अहमद शाह वटल और पत्थर फेंकनेवाले कामरान युसूफ और जावेद अहमद भट हैं.
एनआईए के अनुसार 30 मई, 2017 को मामला दर्ज किया गया था और 24 जुलाई, 2017 को पहली गिरफ्तारियां हुई थीं. एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसने जांच के दौरान जम्मू कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली में 60 से अधिक स्थानों पर छापा मारा तथा 950 अभियोजनयोग्य दस्तावेज एवं 600 से अधिक इलेक्ट्रोनिक उपकरण जब्त किये. उसने जांच के दौरान 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ की. उसने कहा कि छापे के दौरान विभिन्न स्थानों से उसे प्राप्त दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को खंगालने से यह सामने आया कि आरोपी हुर्रियत नेता, आतंकवादी और पथराव करनेवाले लोग एक सुनियोजित साजिश के तहत जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमला कर रहे थे और हिंसा भड़का रहे थे. उसने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों और पाक एजेंसियों के सहयोग, मिलीभगत और वित्तपोषण से भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़कर जम्मू कश्मीर के अलगाव के लक्ष्य को हासिल करने का षडयंत्र रचा गया था.

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