

हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के रिक्त 1993 पदों पर सरकार को लगायी फटकार, 27 को स्वास्थ्य सचिव को किया तलब
अपराध, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार January 28, 2017 , by ख़बरें आप तकपटना हाईकोर्ट ने ने शुक्रवार को राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के खस्ता हालात पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार को फटकार लगायी है. उसने राज्य में डॉक्टरों के 1993 रिक्त पदों पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को आगामी 27 फरवरी को तलब भी किया है. इस मामले में सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधीर सिंह की कोर्ट ने असंतोष जाहिर किया है. जस्टिस गुप्ता और जस्टिस सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आगामी 27 फरवरी को विस्तार से जानकारी उपलब्ध करायें.
हलफनामा में सरकार ने कोर्ट को बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों की संख्या 574 है. इसमें 295 पद खाली हैं. डीएमसीएच में स्वीकृत 133 पद में से 65 खाली हैं. आइजीआइसी में 96 स्वीकृत पदों में 58 पद खाली हैं. इसी तरह विशेषज्ञ डॉक्टरों की कुल स्वीकृत पद 2775 में से 1993 पद खाली चल रही है. सामान्य कोटि एमबीबीएस कोटे के 1724 पद खाली हैं. कोर्ट ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर, विशेषज्ञ पद, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पद और कार्यरत पदों की विस्तार से जानकारी देने को कहा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव 27 फरवरी को तलब किये गये हैं. उन्हें हलफनामा दायर कर बताना होगा कि खाली पद कब तक भरे जायेंगे.
लालकेश्वर और हरिहरनाथ को नहीं मिली कोई राहत
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के रिजल्ट में हुई धांधली से उपजे टाॅपर्स घोटाले के आरोपित बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा की जमानत याचिका पर पटना उच्च न्यायालय ने कोई राहत नहीं दी है. जस्टिस राजेंद्र कुमार मिश्रा की कोर्ट में दोनों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी. दोनों अधिकारी पर वर्षों तक मैट्रिक और इंटर की परीक्षा रिजल्ट में धांधली कर नंबर बढ़ाने का आरोप है. दोनों जेल में बंद हैं.
दीघा सड़क पुल चालू नहीं होने पर दो सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट
हाइकोर्ट ने दीघा-पहलेजा सड़क पुल अब चालू नहीं किये जाने पर नाराजगी जतायी है. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधीर सिंह की कोर्ट ने इस मामले में बिहार राज्य पुल निगम को दो सप्ताह में हलफानामा दायर कर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है. इस रूट की रेल पुल चालू है, पर एप्रोच रोड नहीं बन पाने के कारण सड़क यातायात अब तक चालू नहीं हो पाया है.
श्रम कल्याण कोष के पैसे नहीं हो रहे खर्च कोर्ट ने मांगा जवाब
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से चार फरवरी तक श्रम कल्याण कोष की राशि खर्च नहीं होने के कारण बताने को कहा है. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस योजना के लिए 892 करोड़ रुपये आवंटित हैं. लेकिन, इसके लिए कामगारों का निबंधन बहुत ही कम संख्या में हुआ है. कोर्ट ने चार फरवरी को अगली सुनवाई के समय विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा.
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