

हाईकोर्ट ने कहा- पटना में प्रदूषण बढ़ा, सरकार पौधे लगाए, हरे पेड़ नहीं काटे
कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार August 24, 2019 , by ख़बरें आप तकप्रदूषण को रोकने के उपायों पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी, घटते जलस्तर पर चिंता जताई
कोर्ट ने डॉ. रेणु कुमारी की लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की
पटना हाईकोर्ट ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और घटते जलस्तर पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह सब रोकने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट मांगी। कोर्ट का कहना था कि पटना देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में एक है। शहर का भूमिगत जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसकी परवाह किसी को नहीं है। सरकार पटना को कंक्रीट का जंगल बनने से रोके। पौधे लगाए, हरे पेड़ बिल्कुल नहीं काटे जाएं।
न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय व पार्थ सारथी की खंडपीठ ने शुक्रवार को डॉ. रेणु कुमारी की लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह जानना चाहता है कि प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार व उसके विभाग, संस्थाएं कितनी चिंतित हैं?
आवेदक के वकील अपूर्व कुमार ने कोर्ट को बताया कि डीजल वाहनों, जो अधिक पुराने हो चुके हैं, उन पर पाबंदी लगे। उनके स्थान पर सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट किया जाए। शहर में सीएनजी के केवल दो प्लांट हैं। इससे कुछ नहीं होने वाला है। कोर्ट को प्रदूषण से बचाव के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में 3 सप्ताह में जानकारी देनी है।
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