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हरियाणा में जाट समुदाय को आरक्षण देने पर रोक, खट्टर सरकार को झटका

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को हरियाणा सरकार की ओर से बनाई गई पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत जाटों एवं पांच अन्य जातियों को दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी। हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम 2016 को 29 मार्च को राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था।
कोर्ट ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर यह फैसला दिया है। राज्य में फरवरी में हिंसक जाट आरक्षण आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया था।
न्यायाधीश एस. एस. सरोन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया। इस कानून को भिवानी के मुरारी लाल गुप्ता ने चुनौती दी है। गुप्ता ने अधिनियम के सी खंड को रद्द करने के लिए आदेश की मांग की थी। सी खंड के तहत ही जाट समुदाय को आरक्षण मिला था।
याचिकाकर्ता का कहना है कि नए अधिनियम में जाट समुदाय को जिस न्यायाधीश केसी गुप्ता आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया गया है, उसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। गुप्ता आयोग की रिपोर्ट पर आरक्षण देना न्यायिक आदेश में संशोधन के समान है, जो विधानसभा नहीं कर सकती है। मुरारी लाल गुप्ता के वकील ने कहा, सिर्फ न्यायपालिका ही उस मुद्दे में संशोधन कर सकती है जिस पर पहले ही आदेश आ चुका है। 2014 में भी राज्य सरकार आरक्षण के लिए जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के वास्ते ऐसा विधेयक लाई थी।नया कानून जाट और पांच अन्य समुदायों को पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत आरक्षण देता है। पांच अन्य समुदायों में जाट सिख, मुस्लिम जाट, बिश्नोई, रोड़ और त्यागी शामिल हैं। इन्हें सरकारी सेवाओं और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
राज्य की हुड्डा सरकार की ओर से विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) में जाटों समेत पांच समुदायों को आरक्षण देने का मामला भी कोर्ट पहुंचा था। बाद में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आरक्षण संबंधी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। केंद्र की यूपीए सरकार ने 2014 में केंद्रीय नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में जाटों को आरक्षण दिया था, जिसे 17 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
30 लोग मारे गए थे जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान कम से कम
320 लोग घायल हुए थे हरियाणा में फरवरी में हुए हिंसक आंदोलन में
इस दौरान करोड़ रुपये की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था
2,120 एफआईआर दर्ज की गईं आरक्षण आंदोलन के दौरान
470 लोगों को गिरफ्तार किया गया है अब तक इन मामलों में
1,208 मामले रोहतक में दर्ज किए गए हैं, जो सबसे अधिक है
90 अधिकारियों को दागी पाया था प्रकाश कमेटी ने अपनी जांच में
451 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की प्रकाश कमेटी ने जाट आंदोलन पर
71 दिन में हरियाणा सरकार को सौंपी गई थी यह जांच रिपोर्ट

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