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सोना 16 साल की सबसे बड़ी की ओर,20,000 तक फिसल सकती है सोने की कीमत

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अमेरिका में ब्याज दरें जल्द बढ़ने की संभावना के चलते सोने की कीमतें साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर फिसल गई है। इस महीने सोने में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। वहीं ये लगातार छठा हफ्ता है, जिसमें सोने की कीमतों में कमजोरी दर्ज की जा सकती है। 16 साल बाद यानी वर्ष 1999 के बाद पहली बार ऐसा है, जब सोने की कीमतों में लगातार 6 हफ्ते तक गिरावट देखी जा रही है।
कॉमैक्स पर सोना फिलहाल 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 1083 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक सितंबर में होने वाली अगली बैठक में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोत्‍तरी पर फैसला कर सकता है। दरों में बढ़ोत्तरी तक सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी रह सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट के कारण आज दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 40 रुपए लुढ़ककर चार साल के निचले स्तर 25050 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया। पिछले सप्ताह भी 24 जुलाई को सोना स्टैंडर्ड
इस महीने सोने की कीमतों में 7.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। जून 2013 के बाद पहली बार किसी महीने में सोने की कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। निवेशकों का भरोसा कम होने के कारण 20 जुलाई को सोने में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी और कीमत 1077 डॉलर प्रति औंस पर आ गया था, जो कि फरवरी 2010 का निचला स्तर
दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ बाजार की उम्मीद से कमजोर रहा। इस दौरान अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ 2.3 फीसदी रही, जबकि अनुमान 2.6 फीसदी का था। लेकिन यह पहली तिमाही से बेहतर है। इसके कारण अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। फेड की अगली बैठक सितंबर में है।
केडिया कमोडिटी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया के मुताबिक निवेश के लिए सोने की मांग कमजोर वहीं कीमतें गिरने के बावजूद सोने की हारिज मांग नहीं बढ़ी है। इसलिए सोने की कीमतों गिरावट का खतरा बरकरार है। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना से डॉलर को सहारा मिल रहा है। जबकि सोने की की मांग पर द
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के मुताबिक वित्त्त वर्ष 2015-16 के दौरान सोने के भाव मुख्य रूप से अमेरिकी ब्याज दरों पर निर्भर करेंगे। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सोने की कीमत 20500-24000 रुपए प्रति 10 ग्राम रहने की संभावना है। बीते हफ्ते सोने की कीमत 25000 रुपए प्रति 10 ग्राम से नीचे फिसल गई थी, जो कि चार साल में पहली बार हुआ था। इंडिया रेटिंग ने कहा कि अगर अमेरिका ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करता है तो ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें गिरेंगी,जिसके कारण घरेलू बाजार में सोने की कीमत 20,500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है।
मेटल्स फोकस के रिसर्च कंसलटेंट (एशिया) चिराग शेठ ने कहा कि दूसरी छमाही में सोने की मांग बढ़ेगी। शेठ के मुताबिक मानसून में सुधार आया है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों से सोने की मांग निकल की संभावना है। इससे सोने की मांग में इस साल 5 से 7 फीसदी का इजाफा हो सकता है। पिछले साल ज्वैलरी इंडस्ट्री में 604 टन सोने की खपत हुई है। सोने की 60 से 70 फीसदी खपत कृषि पर निर्भर ग्रामीण भारत में होती है। इन क्षेत्रों के लोग खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहते है। इसलिए सोने की मांग में मानसून की अहम भूमिका होती है।

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