सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है-पीएम मोदी
ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली October 30, 2016 , by ख़बरें आप तकप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 24वीं बार देशवासियों के साथ ‘मन की बात’ की। उन्होंने उरी हमले को लेकर लोगों के गुस्से की तुलना 1965 के युद्ध के समय के आक्रोश से की। पीएम ने कहा कि इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित जरूर किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना बोलती नहीं, बल्कि पराक्रम दिखाने में विश्वास रखती है।
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत उरी हमले में शहीद 18 जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ की। उन्होंने कहा कि यह कायरतापूर्ण कृत्य पूरे देश को झकझोरने के लिए काफी था। इसे लेकर देश में शोक और आक्रोश दोनों है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षति केवल उन परिवारों की नहीं है जिन्होंने अपने बेटे, भाई और पति को खोया है। यह क्षति पूरे देश की है। इसी आज मैं फिर वही कहूंगा जो मैंने घटना वाले दिन कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा।
पीएम ने भारतीय सेना पर विश्वास जताते हुए कहा कि वह अपने पराक्रम से सभी षड्यंत्रों को विफल कर देगी। ये (सैनिक) वे लोग हैं जो अदम्य साहस दिखाते हैं ताकि 125 करोड़ लोग शांतिपूर्ण ढंग से रह सकें। मोदी ने कहा कि हमें अपनी सेना पर गर्व है। लोगों और नेताओं को बोलने के अवसर मिलते है और वे ऐसा करते भी हैं लेकिन सेना बोलती नहीं है, अपना पराक्रम दिखाती है।
प्रधानमंत्री ने अपने 35 मिनट के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कश्मीर के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि शांति, एकता और सद्भाव के जरिए ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि सभी मुद्दों का हल बातचीत के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने राष्ट्र विरोधी ताकतों को साफ तौर पर समझना शुरू कर दिया है। जैसे-जैसे वास्तविकता उनके सामने आ रही है, वैसे-वैसे उन्होंने ऐसी ताकतों से दूरी बनानी शुरू कर दी है और शांति के पथ पर चलना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी मां-बाप चाहते हैं कि स्कूल और कॉलेज खुलें। किसान और व्यापारी काम करना चाहते हैं। ये चीजें धीरे-धीरे शुरू भी होने लगी हैं।
प्रधानमंत्री ने 11वीं कक्षा के एक छात्र हर्षवर्धन का संदेश भी पढ़ा। उसने उरी घटना पर आक्रोश प्रकट किया था और इसको लेकर कुछ करने की इच्छा जताई। इसने काफी सोचने के बाद यह संकल्प लिया कि वह रोजाना तीन घंटे अतिरिक्त पढ़ाई करेगा ताकि देश के लिए योगदान दे सके। मोदी ने छात्र के रचना विचार की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के जागने का प्रतीक है। यह आक्रोश कुछ करने जैसा है। जब 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू हुआ था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा देकर देशवासियों को देश के लिए कुछ करने को प्रेरित किया था।
प्रधानमंत्री ने पैरालंपिक खिलाडि़यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रियो में हुए पैरालंपिक और इसमें भाग लेने वाले हमारे खिलाडि़यों के प्रदर्शन ने दिव्यांगों को लेकर दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल दिया। मोदी ने पैरालंपिक दीपा मलिक का जिक्र करते हुए कहा कि पदक जीतकर उन्होंने अपनी विकलांगता को पराजित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दो साल पहले शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत को अच्छा बताया। उन्होंने लोगोंं से इस साल 2 अक्तूबर को इस मिशन में बढ़चढ़ कर भाग लेने और इसके फोटो एवं वीडियो नरेंद्रमोदी एप पर अपलोड करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके तहत अब तक ग्रामीण भारत में ढाई करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं और अगले एक साल में डेढ़ करोड़ शौचालय बनाए जाने हैं।
मोदी ने कहा कि स्वच्छता मिशन के बारे में जानने के लिए सरकार ने एक नया फोन नंबर जारी किया है। कोई भी व्यक्ति 1969 पर डायल करके अपने शहर में स्वच्छता मिशन की स्थिति के बारे में जान सकता है। साथ ही इससे शौचालय बनवाने का आवेदन भी किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने लोगों से गांधी जयंती से दीवाली तक खादी का कुछ न कुछ सामान खरीदने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उनका आग्रह है कि हर परिवार में कोई न कोई खादी की चीज होनी चाहिए. ताकि गरीब के घर में दीवाली का दिया जल सके।
पीएम ने एकात्म मानव दर्शन और अंत्योदय सिद्धांत के प्रतिपादक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का आ’ान किया। उन्होंने कहा कि जिस मार्ग पर प्रधानमंत्री का आवास है, उसका नाम रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया जाना उपाध्याय के जन्मशती वर्ष के गरीब कल्याण वर्ष का ही एक प्रतीकात्मक स्वरूप है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए शांति, एकता, सद्भावना के साथ नवरात्रि और दुर्गा पूजा का पर्व मनाने की अपील करते हुए कहा कि समाज की एकता ही देश की शक्ति होती है।
मोदी ने कहा कि इस विजयादशी के पर्व पर कार्यक्रम के दो साल पूरे हो जाएंगे। इस दौरान उनकी ये पूरी कोशिश रही है कि यह सरकारी कामों के गुणगान का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए। यह राजनीतिक छींटाकशी का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए। यह आरोप-प्रत्यारोप का कार्यक्रम नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशवासियों के लिए यह जानकारियों का अवसर हो सकता है लेकिन उनके लिए यह सवा करोड़ देशवासियों की शक्ति और सामर्थ्य का अहसास कराना और उसी से कार्य की प्रेरणा पाना है।
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