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सीबीआई ने 2,900 करोड़ की टैक्स हेराफेरी करने वाली कंपनियों का किया खुलासा, 30,000 करोड़ की चपत लगाने वाली पर बनी है नजर

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केंद्रीय जांच अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुखौटा कंपनियों के खिलाफ अपनी तीन साल की जांच के दौरान 339 मुखौटा (एक तरह से फर्जी) कंपनियों के एक जाल का पता लगाया है, जिनके जरिये 2900 करोड़ रुपये की बड़ी रकम की हेराफेरी की गयी है. सीबीआई के सूत्रों ने कहा है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल बैंकों के ऋण के गबन, फर्जी बिलों और ‘धन को घुमा फिरा कर लाने’ टैक्स चोरी व ब्लैक मनी सृजित करने में किया गया. इसके साथ ही, सीबीआई की नजर करीब 30,000 करोड़ रुपये की रकम से जुड़े करीब 200 मामलों की जांच कर रही है.
साथ ही, इनके जरिये करों की पनाहगाह कहे जानेवाले देशों को भी धन भेजा गया. फिर उस धन को विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने के लिए भी इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया गया. सीबीआई को अब तक मिली जानकारी वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. ये मामले वे हैं, जहां सीबीआई बैंकों से धोखाधड़ी, ऋण के पैसे की हेराफेरी और धन के लेन-देन के रास्तों का सुबूत जुटा पायी है.
अपना नाम जाहिर नहीं किये जाने की शर्त पर एक अफसर ने बताया कि सीबीआई ने 28 सार्वजनिक व एक निजी बैंक से जुड़े कर्ज धोखाधड़ी की जांच के दौरान हेराफेरी को पकड़ा है. साथ ही, सीबीआई कम से कम 30,000 करोड़ रुपये के धन से जुड़े 200 मामलों की जांच कर रह रही है. सीबीआई ने अब तक जिन कंपनियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाये हैं, उनमें वह भ्रष्टाचार व अन्य संबंद्ध अपराधों के लिए मामले दायर कर रही है.
सीबीआई ने इन मामलों को अन्य जांच एजेंसियों के पास भी भेजा है, ताकि इनमें कंपनी कानून, मनी लाउंडरिंग निरोधक कानून (पीएमएलए), बेनामी लेनदेन (निरोधक) कानून व आयकर कानून जैसे कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सके. सीबीआई ने जालसाज कंपनियों को पकड़ा ही नहीं है, बल्कि परिचालन में उनके इस्तेमाल किये जाने की संभावना को भी ‘बंद’ कर दिया है. इन कंपनियों का इस्तेमाल अन्य लोगों ने अपराधों के लिए किया हो. सीबीआइ के अलावा दूसरी एजेंसियां भी भी जांच करेंगी. बिहार में आयकर विभाग आने वाले दिनों में ब्लैक मनी एकाउंट में जमा करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है.
आयकर विभाग ने पिछले 10 दिनों के दौरान छह हजार लोगों को समन जारी किया है. ये सभी बैंक खाते संदिग्ध हैं. ये वैसे लोगों के बैंक खाते हैं, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने एकाउंट में काफी संख्या में रुपये जमा किये हैं. इसमें दो लाख से लेकर करोड़ों रुपये जमा करनेवाले शामिल हैं. विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के लिए 31 मार्च, 2017 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाइ) भी चलायी गयी थी. इस योजना के अंतर्गत जिन लोगों ने अपनी ब्लैक मनी को डिक्लेयर कर दिया है, वे तो 85 फीसदी पेनाल्टी देकर बच गये. परंतु जिन्होंने इस योजना का फायदा नहीं उठाया, उनके ऊपर जल्द ही सख्त कार्रवाई होने जा रही है. छह हजार जिन लोगों को विभाग की तरफ से समन जारी किया गया है, उसमें बड़ी संख्या में लोगों ने पीएमजीकेवाय के तहत अपनी ब्लैक मनी को उजागर नहीं किया है.
इस वजह से योजना के बंद होने के बाद आइटी विभाग ने अब ऐसे लोगों की स्क्रूटनी करनी शुरू कर दी है. इसके बाद इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसमें बेनामी संपत्ति, टैक्स चोरी करके या अन्य माध्यमों से ब्लैक मनी जमा करने वाले लोग शामिल नहीं हैं. इस कार्रवाई की जद में सिर्फ वही लोग आयेंगे, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने खाते में बेहिसाब रुपये एक बार या कई बार में जमा किये हैं.
संदिग्ध ट्रांजेक्शन वाले बैंक खाते भी इसकी जद में हैं. विभाग ने इन बैंक खातों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी है. केंद्रीय आयकर बोर्ड ने नोटबंदी के बाद लेनदेन करने वाले बिहार और झारखंड के करीब 25 हजार बैंक खातों की सूची भेजी थी, जिसमें जनधन योजना के तहत खोले गये करीब सात सौ बैंक खाते भी शामिल थे. इन सभी बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन की आशंका जतायी गयी थी. परंतु अब तक की जांच में इसमें छह हजार बैंक खाते सामने आये हैं. इन संदिग्ध खातों को समन जारी किया गया है. साथ ही इन सभी खातों में कैश जमा करने की गहन जांच चल रही है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की अंतिम तिथि 31 मार्च को समाप्त हो गयी है, लेकिन इसका फॉर्म जमा करने की तारीख अभी 10 दिन बढ़ायी गयी है. हालांकि इन बढ़ी हुई तारीखों में सिर्फ फॉर्म ही जमा कर सकते हैं, पैसे नहीं. आयकर सूत्रों के अनुसार बिहार से इस योजना के तहत करीब 400 लोगों ने 100 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को उजागर किया है. हालांकि अभी इसकी अंतिम रिपोर्ट नहीं आयी है. रिपोर्ट तैयार होने के बाद यह आंकड़ा बढ़-घट भी सकता है. हालांकि शुरुआती आंकड़े के अनुसार, पूरे देश में इस योजना के तहत करीब 10 हजार करोड़ रुपये ब्लैक मनी सामने आये हैं. इसकी तुलना में बिहार में यह आंकड़ा काफी छोटा है.
पकड़े गये, तो सात साल तक की सजा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाके बाद अब जिन लोगों के बैंक खातों में ब्लैक मनी पकड़ी गयी, तो उन पर 137 फीसदी तक पेनाल्टी के अलावा आयकर की धारा 276 (सी) के तहत एक से सात साल तक की सजा भी हो सकती है. ब्लैक मनी रखने वाले को जेल जाना पड़ेगा. सजा की समयसीमा गड़बड़ी के हिसाब से तय की जायेगी.

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