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सीएम नीतीश का बड़ा एलान, बिहार में बदलेगा परीक्षा का पैटर्न, ऑनलाइन होंगी परीक्षाएं

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एलान करते हुए कहा कि राज्य में परीक्षाएं अब ऑनलाइन होगी. न तो प्रश्न-पत्र सेट करने की जरूरत, न उत्तर बदलने की और न ही मूल्यांकन में कोई धांधली होगी. सब पारदर्शी तरीके से होगा.
बिहार उद्यमी संघ द्वारा आयोजित ‘फोर्थ बिहार उद्यमिता सम्मीट 2017- स्टार्ट अप’ के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा किया. उन्होंने किसी परीक्षा का नाम नहीं लिया, लेकिन प्रश्नपत्र लीक, मूल्यांकन में गड़बड़ी समेत परीक्षा में धांधली के मामले पर कहा कि किसी के माथे पर तो नहीं लिखा होता कि वह गड़बड़ी करेगा. बावजूद इसके गड़बड़ी हुई. हर चीज को पारदर्शी बना देने से यह समस्या नहीं होगी. ऑनलाइन ही प्रश्न पूछे जाये, उसके उत्तर दिये जायें और जांच भी इसी माध्यम से हो. इसके बाद उसकी उत्तरपुस्तिकाएं भी ऑनलाइन कर दी जाये, ताकि पता चल सके कि उसने क्या लिखा और उसे क्या नंबर मिला?
बिहार में शिक्षकों की कमी : नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने माना कि बिहार में शिक्षकों की कमी है. भौतिकी, गणित, अंगरेजी जैसे विषय के शिक्षक कम मिलते हैं. सरकार इंजीनियरिंग कॉलेज-मेडिकल कॉलेज भी खोलना चाहती है, लेकिन फैकल्टी भी कम मिलते हैं. ऐसे में सेवानिवृत्त को लेना पड़ता है. शिक्षकों की इसी कमी के कारण एक बेहतर शिक्षक एक साथ कई स्कूलों में क्लास ले रहे हैं.
बिहार दिवस के अवसर पर सभी विवि व कॉलेजों में फ्री वाई-फाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार दिवस के दिन 22 मार्च से सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय और कॉलेजों में फ्री में वाइ-फाइ की सुविधा बहाल की जायेगी. यह फरवरी में ही होना था, लेकिन विधान परिषद चुनाव के कारण यह संभव नहीं हो सका था.
बिहार के युवा प्रतिभा के धनी : सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के युवा प्रतिभा के धनी है. बिहारी युवा में इतना दम है कि पता चले कि चांद पर काम मिलने वाला है तो वहां भी चला जायेगा. यह बिहार के युवाओं की स्प्रीट है. हो भी क्यों नहीं, बिहार की धरती का इतिहास रहा है. बुद्ध को ज्ञान यहीं मिला, महावीर की जन्म-निर्वाण भूमी है, गुरु गोविंद सिंह की जन्म स्थली, चंपारण सत्याग्रह से देश की आजादी को गति भी बिहार से ही मिली. चाणक्य, आर्यभट्ट जैसे महान लोग यहीं हुए. यहां के लोगों में इसका तो असर होगा ही. यह जो जेनेटिक है. उन्होंने कहा कि पूर्व में पाटलिपुत्र राजधानी होती थी. इसलिए यहां राजनीति के प्रति लोगों का ज्यादा रुझान है. सभी लोग इसमें रुचि रखते हैं.

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