साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने के मुद्दे पर आजम और मुनव्वर में तनातनी
आमने सामने, उत्तर प्रदेश October 24, 2015 , by ख़बरें आप तकदेश में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता के विरोध में साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने के मुद्दे पर दो बड़ी सख्सियतें आपस में भीड़ गई हैं। इनमें से एक यूपी राजनीति में कद्दावर नेता आजम खान हैं तो दूसरा साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तित्व मुनव्वर राणा।दरअसल, मामला यह है यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने हाल ही में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाकर चर्चा में आए मशहूर शायर मुनव्वर राणा पर हमला बोला है। आजम खान ने नाम लिए बिना मुनव्वर राणा पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें चाटुकार बताया।उन्होंने कहा चाटुकार किस्म के एक साहब ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री बुला लेंगे तो मैं उनका जूता उठा लूंगा। हो सकता है कि वो जूते का तला चाटकर अपने सिर पर भी रख लें।आजम के इसी बयान पर पलटवार करते हुए मुनव्वर राणा ने कहा कि इतने बड़े मामले में ऐसे लोगों के बयान का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उनसे मेरी पुरानी दोस्ती थी और मैं उन्हें कविता सिखाना चाहता था लेकिन उन्हें राजनीति पसंद थी।’
गौरतलब है कि मुनव्वर राणा ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री उनकी बात सुनते हैं तो वह मोदी के जूते तक उठाने को तैयार हैं। उनके इसी बयान को मुद्दा बनाते हुए आजम ने उन्हें चाटुकार करार दे दिया। जिस पर मुनव्वर ने कड़ा ऐतराज जताया।
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