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सासाराम में दैनिक भास्कर के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या,विपक्ष ने किया सरकार पर प्रहार

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हथियारबंद अपराधियों ने शनिवार सुबह मॉर्निंग वॉक में निकले दैनिक भास्कर के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना सासाराम जिला के मुफस्सिल थाना के उनके गांव अमरा से चंद दूरी पर स्थित अमरा तालाब के पास हुई। अपराधियों ने जैसे ही इन पर निशाना साधने का प्रयिस किया, वह उनके साथ भीड़ गए। उठापटक भी हुई। लेकिन, अपराधी गोली मार भाग निकले।खून से लथपथ धर्मेंद्र को स्थानीय लोग इलाज कराने के लिए अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देख रेफर कर दिया। परिजन इलाज कराने के लिए वाराणसी ले ही जा रहे थे कि शिवसागर के पास रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। जानकार बताते हैं कि धर्मेंद्र ने उन अपराधियों के नाम भी अपने परिजनों को बताया है, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है। उनके दो बेटे और एक बेटी है। धर्मेंद्र आई इलेवन के फुटबॉलर भी रहे हैं और आज भी वह प्रैक्टिस करने के लिए सासाराम स्थित न्यू स्टेडियम में जा रहे थे।
गोली लगने से पहले अपराधियों से लड़ते रहे धर्मेन्द्र
पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह गोली लगने से पहले अपराधियों से भिड़ गए थे। तीन अपराधी पल्सर बाइक से आये थे। उन्होंने धर्मेन्द्र को घेर लिया। पहले धर्मेन्द्र से हाथा पाही हुई। धर्मेन्द्र ने दो बदमाशों को पटक दिया। एक का पिस्तौल छिन लिया। लेकिन तीसरे अपराधी ने उन्हें सीने में गोली मार दी। सूत्रों के अनुसार आपसी रंजिश में हत्या की गयी है। धर्मेन्द्र सिंह के भाई ने बताया कि गया सेंट्रल जेल में बंद पप्पू सिंह के साला सुजीत कुमार ने हत्या की है। औरंगाबाद के बिजनेसमैन के अपहरण मामले में पप्पू सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इधर पुलिस का कहना है कि पत्रकार की पत्नी से बयान लेने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सासाराम में शनिवार सुबह अपराधियों द्वारा एक पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में उबाल आ गया. विपक्षी दलों के नेताओं ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए सरकार पर शब्दों का जोरदार प्रहार किया है.
विपक्षी नेताओं के निशाने पर सरकार बीते 24 घंटे के दौरान बिहार में हुई ताबड़तोड़ हत्याओं के कारण भी रही. पत्रकार की हत्या पर प्रदेश के तमाम विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तीखी आलोचना की है. इसमें प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पत्रकार की हत्या को लोकतंत्र पर गहरा प्रहार करार दिया है.
प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने एक सुर में कहा कि राज्य में एक पत्रकार की हत्या हो जाती है और पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रह जाती है. बिहार में जंगलराज चल रहा है और अपराधी बेलगाम घूम रहे हैं. वे जिसे चाहते हैं, उसे निशाने पर लेकर अपना शिकार बना रहे हैं.
अपराधी चुस्त, पुलिस सुस्त : भाजपा
भाजपा के प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि राज्य की पुलिस-प्रशासन सुस्त हो गये हैं. वहीं, बिहार में अपराधी मस्त हैं. उन्होंने कहा कि पत्रकार की हत्या लोकतंत्र पर हमला है. इससे पूरा समाज भयाक्रांत हो गया है. लोगों में दहशत का माहौल है और लोग घरों में दुबके रहने के लिए एक बार फिर मजबूर हो गये हैं. बिहार में जंगलराज लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि पत्रकार की हत्या का मामला विपक्ष शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में उठायेगा. इस हत्याकांड की जितनी निंदा की जाये, वह कम ही है. वहीं, भाजपा नेता नितिन नवीन ने कहा कि नीतीश कुमार को खुद से फुर्सत ही कहां है कि वे जनता की ओर ध्यान दे सकेंगे. जनता लाचार है और वे निश्चय यात्रा में मशगूल हैं. बिहार को अपराधियों के हवाले करके नीतीश कुमार न जाने कौन सी यात्रा कर रहे हैं? उन्हें जवाब देना चाहिए.
बिहार में जंगलराज बरकरार : लोजपा
लोक जनशक्ति (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान ने पत्रकार हत्याकांड के बाद नीतीश कुमार पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार निश्चय यात्रा में मशगूल हैं. उन्हें जनता की कोई चिंता ही नहीं है. पुलिस-प्रशासन भगवान भरोसे है. अपराधी बेलगाम घूम रहे हैं. बिहार में जंगलराज है और आगे भी इसी तरह चलता रहेगा.
बिहार में जंगलराज नहीं, कानून का राज : जदयू
जदयू के नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में कानून का राज है और रहेगा. कोई अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता. बिहार सरकार ने अपराधियों को कानून के शिकंजे में कसकर सजा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगायी है. कई मामलों की सीबीआई की जांच करायी जाती है और कई मामलों में सीबीआई जांच की जा रही है.
बिहार में कौन रंगदारी मांग सकता है? पत्रकार हत्याकांड की हम निंदा करते हैं. इसमें शामिल अपराधी को जलद् ढूंढ निकाला जायेगा और उसे सख्त सजा दी जायेगी. वहीं, जदयू के एक अन्य नेता अजय आलोक ने कहा कि बिहार में जंगलराज किन लोगों को नजर आ रहा है? वे लोग शासन-प्रशासन को न जाने किस नजर से देख रहे हैं. अब तक बिहार में जितने भी बड़े मामले हुए, पुलिस ने पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपराधियों को कानूनी शिकंजे में कसने अपनी मुश्तैदी दिखायी है. कानून का राज स्थापित करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है.जिले के अच्छे फुटबॉलर थे धर्मेन्द्र
धर्मेन्द्र जिले के अच्छे फुटबॉलर थे। वह फुटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेते थे। उनकी उम्र 35-36 वर्ष थी। सासाराम शहर से 6 km दूर अमरा गांव में उनका पैतृक आवास था। जबकि जहानाबाद के इचिपुर में ससुराल था। धर्मेन्द्र के पिता अवधेश सिंह हैं।

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