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साइकिल-संगठन पर कब्जे के बाद अखिलेश ने मुलायम से लिया आशीर्वाद

उत्तर प्रदेश, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली

समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई में भले ही चुनाव आयोग का फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में आया हो, लेकिन इस संबंध में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है. चुनाव आयोग को मुलायम सिंह यादव की ओर से पार्टी पर अपने अधिकार जताने के संबंध में उसे कोई हलफनामा मिला ही नहीं. न तो मुलायम, न शिवपाल और न ही अमर सिंह ने इस संबंध में कोई हलफनामा दायर किया है. साइकिल चुनाव चिह्न पर अपना हक जताने के लिए अखिलेश खेमे ने चार हजार 716 हलफनामा दायर किया. अखिलेश के समर्थन में 228 में 205 विधायकों, 68 में से 56 विधान परिषद सदस्यों, दोनों सदन के 24 में 15 सांसदों, 46 में 28 कार्यकारिणी सदस्यों, 5731 में 4400 प्र्रतिनिधियों ने अखिलेश के समर्थन में हलफनामा दिया. इससे अखिलेश के पार्टी पर दबदबे का अंदाज लगता है. उधर, अखिलेश के रणनीतिकार रामगोपाल ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अब राज्य में महागंठबंधन होगा, लेकिन अंतिम निर्णय अखिलेश यादव लेंगे. वहीं, साइकिल चुनाव चिह्न मिलने के बाद अखिलेश ने मुलायम के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया. दोनों के बीच राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. वहीं, राज्य में अखिलेश समर्थक जगह-जगह जश्न मनाते दिख रहे हैं. उधर, पिता से मुलाकात के बाद अखिलेश ने एक ट्विट किया है, जिसमें लिखा है साइकिल चलती जायेगी, आगे बढ़ती जायेगी.
चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी में जारी गतिरोध के बीच बड़ा फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने साइकिल चुनाव चिह्न अखिलेश यादव को दे दिया है. साथ ही पार्टी का नाम भी अखिलेश यादव के खाते में गया है. चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अखिलेश यादव को मान लिया है. मालूम हो एक जनवरी को आनन-फानन में रामगोपाल यादव द्वारा बुलाये गये सपा के अधिवेशन में अखिलेश यादव को मुलायम की जगह अध्यक्ष बुनाया गया था.
चुनाव आयोग के फैसले के बाद अखिलेश यादव के खास रणनीतिकार रामगोपाल यादव ने खुशी जतायी. उन्होंने कहा कि नियमत: व प्रथम दृष्टया जिनके पास अधिक समर्थन होता पार्टी उन्हीं की होती है, हमारे पास समर्थन था. उन्होंने कांग्रेस से गठजोड़ के सवाल पर कहा कि उम्मीद है.
इसे समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के लिए बड़ा झटका के रूप में देखा जा रहा है. चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम ‘समाजवादी पार्टी’ भी अखिलेश गुट को दिये जाने का फैसला लिया है.
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में जारी अंतर्कलह को लेकर मुलायम व अखिलेश गुट ने चुनाव आयोग का रुख किया था. चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को अपना पक्ष रखने के लिए तीन जनवरी तक का समय दिया था. अखिलेश के पक्ष में समाजवादी पार्टी के ज्यादातर विधायक, विधान परिषद सदस्य व सांसद थे और उन्होंने चुनाव आयोग में इस आशय का हलफनामा भी जमा किया था.

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