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सरसों की खेती ऐसे करें

कृषि / पर्यावरण

सरसों रबी की प्रमुख तिलहनी फसल है जिसका भारत की अर्थव्यवस्था में एक विशेष स्थान है। वर्तमान में जिन स्थानों में कम वर्षा हुई है उन जिलों के कृषकों के लिए सरसों (लाहा) बहुत लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इससे कम सिंचाई व लागत में दूसरी फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। इसकी खेती मिश्रित रूप में और बहुफसलीय फसल चक्र में आसानी से की जा सकती है। भारत वर्ष में क्षेत्रफल की दृष्टि से म.प्र. में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है।
उपयुक्त किस्में
वर्षाधारित क्षेत्रों के लिए – पूसा महक, आर.जी.एन.-48, आर.जी.एन.-13, अरावली, पूसा अग्रणी, वरुणा
सिंचित समय से बुवाई के लिए- पूसा तारक, पूसा बोल्ड, पूसा सरसों-22, पूसा सरसों-25, आर.जी.एन.-73, एन.डी.आर.-8501, भरत-1, भरत-2, भरत-3
सिंचित देर से बुवाई के लिए- स्वर्ण ज्योति, पूसा सरसों-26, आर.जी.एन.-145,
एन.आर.सी.एच.बी.-101
बीज दर : 2 किग्रा/एकड़
बीजोपचार : थीरम कार्बेंडाजिम (2 ग्राम+1ग्राम) तत्पश्चात् एजेटोबेक्टर 5 ग्राम/किग्रा. $ पी.एस.बी 5 ग्राम/किग्रा. बीज
बुबाई समय
वर्षाधारित-अक्टूबर का प्रथम पखवाड़ा (01 से 15 अक्टूबर)
सिंचित समय से बुवाई -15 से 30 अक्टूबर
सिंचित देर से बुवाई -30 अक्टूबर से 15 नबम्बर
बुवाई विधि : जीरोटिल ड्रिल द्वारा या सीडकम फर्टिड्रिल में घिसी हुई कुसियाओं का प्रयोग कर
खाद एवं उर्वरक प्रति एकड़
वर्षाधारित क्षेत्रों के लिए : सड़ी हुई गोबर खाद – 2 ट्राली, डी.ए.पी. – 20 किग्रा., यूरिया – 40 किग्रा.
म्यूरेट ऑफ पोटाश – 20 किग्रा., गंधक – 08 किग्रा.
सिंचित समय से बुवाई के लिए- सड़ी हुई गोबर खाद – 01 ट्राली, डी.ए.पी. – 35 किग्रा., यूरिया – 50 किग्रा., म्यूरेट ऑफ पोटाश – 25 किग्रा., गंधक – 08 किग्रा.
खरपतवार नियंत्रण : फसल बुवाई के तुरंत बाद पेंडीमिथालिन 1.25 ली. 150-200 ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें
सिंचाई : फसल बुवाई के 30-35 दिन बाद (फूल निकलने के पूर्व) तथा फली विकास (80-85 दिन के बाद) समय से सिंचाई उपलब्ध होने पर सिंचाई करें ।
जल में घुलनशील उर्वरकों का प्रयोग : फसल उत्पादन में वृद्धि हेतु फूल एवं फली बनते समय एन.पी.के. 18:18:18 की 150 ग्राम मात्रा के साथ 100 ग्राम बोरिक अम्ल मिलाकर प्रति पम्प (15 ली.) की दर से छिड़काव करें ।
रोग नियंत्रण : भभूतिया रोग व पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण के लिए सल्फेक्स दवा की 300 ग्राम मात्रा को 150 ली. पानी में मिलाकर छिड़काव करें ।
कीट नियंत्रण : आरा मक्खी, पेण्टेबग व माहू से बचाव के लिए फिप्रोनिल 4 किग्रा./एकड़ की दर से धूल का भुरकाव करें ।
उपज : वर्षाधारित 4-5 क्विं./एकड़
सिंचित 6-8 क्विं./एकड़

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