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सरकार ने खोला खजाना,परवान चढ़ने लगा प्राणी उद्यान का काम

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गोरखपुर में वर्ष 2009 में प्राणी उद्यान की नींव पड़ी लेकिन निर्माण कार्य धीमी गति से चलता रहा। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के साथ ही इस प्राणी उद्यान के निर्माण को पंख लगे। वर्ष 2018 इस प्राणी उद्यान के लिहाज से खास रहा। सरकार ने पुनरीक्षित बजट जारी करते हुए इस प्राणी उद्यान के लिए खजाना खोल दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में प्राणी उद्यान बनकर तैयार हो जाएगा और शेर-बाघ तथा हिरन यहां विचरण करने लगेंगे।
नए साल में धार्मिक पयर्टन के साथ गोरखपुर को ईको टूरिज्म के फलक पर ले आने में इस चिड़ियाघर की भूमिका अहम होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले चिड़ियाघर शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान गोरखपुर के निर्माण कार्य ने जोर पकड़ लिया है। भविष्य में विश्वस्तरीय प्राणी उद्यान के रूप में विकसित करने की परिकल्पना के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है। उन्होंने पुनरीक्षित बजट जारी किया। 121.342 एकड़ जमीन पर निर्माणाधीन इस प्राणी उद्यान का 60 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।
उम्मीद है कि मई तक पूरा हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ के मुताबिक जून में इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा। कानपुर,लखनऊ के बाद यूपी का तीसरा और पूर्वी उप्र का यह पहला चिड़ियाघर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो यह प्रदेश के सबसे बड़े प्राणी उद्यान कानपुर के बाद दूसरे नम्बर पर है। इसमें 68 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य होगा और 30 एकड़ में सिर्फ पौधे रहेंगे। नेचर ट्रेल की सुविधा मिलेगी। 37.5 एकड़ वेट लैंड का इस्तेमाल प्रवासी पक्षियों के लिए होगा। 51 एकड़ अपलैंड पर 33 बाड़े बनाए जाने हैं जिनमें 31 का निर्माण जारी है।
जोरों पर चिड़ियाघर में निर्माण कार्य
चिड़ियाघर में 4400 मीटर रनिंग में बाउंड्रीवाल और कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन के लिए 1500 मीटर की बाउंड्रीवाल का निर्माण पूरा होने को है। बटरफ्लाई उद्यान, अत्याधुनिक एक्वेरयिम, सांपों के लिए सर्पेन्टेरियम का भी निर्माण किया जा रहा है। वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन को ध्यान में रखकर अत्याधुनिक हॉस्पिटल, क्वैरेन्टाइन सेंटर, रेस्क्यू सेंटर्स, किचन और इंसीनेटर का निर्माण भी हो रहा है। प्राणी उद्यान में भगवान बुद्ध और गुरु गोरखनाथ मंदिर के थीम पर विभिन्न आकर्षक संरचनाएं और भवन भी बनाए जा रहे हैं।
लुभाएगी बुद्ध की विशाल प्रतिमा
महात्मा बुद्ध की तांबे की बनी विशाल प्रतिमा के साथ साइनेज, गोरखनाथ मंदिर की थीम पर इंट्रेंस प्लाजा, दर्शकों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक 4डी थियेटर, ओपेन एयर थियेटर, अत्याधुनिक कैफेटेरिया, जलपान के लिए रेस्टोरेंट, किओस्क, रेस्टिंग शेड, नेचर गिफ्ट शॉप, बैटरी ऑपरेटेड गोल्फ कार्ट, रबर टायर वाली ट्वाय ट्रेन का भी निर्माण कराया जा रहा है। प्राणी उद्यान की दीवारों पर भारतीय संस्कृति एवं दर्शन से अवगत कराने के लिए स्टोन क्लैडिंग कर म्यूरल्स बनाए जाएंगे। स्थानीय हस्तशिल्प के प्रसार व संरक्षण देने के लिए टेराकोटा की कलाकृतियां भी लगाई जाएंगी।
प्राणी उद्यान में 35 प्रजातियों के 200 जानवर आएंगे
प्राणी उद्यान में 35 प्रजातियों के 200 पशु-पक्षी रखे जाएंगे। ये पशु पक्षी देश-विदेश से आएंगे। कानपुर और लखनऊ प्राणी उद्यान के डाक्टरों की टीम इन पशु-पक्षियों की निगरानी करेगी। पशु -पक्षियों के ट्रांसपोटेशन के लिए पिंजरा बनाने की जिम्मेदारी कानपुर प्राणी उद्यान को सौंपी गई है। कानपुर प्राणी उद्यान से 48, लखनऊ प्राणी उद्यान से 35, दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्राणी उद्यान से 19, पद्दमजा नायडू प्राणी उद्यान दार्जिलिंग से 02, प्रदेश में बंद हो रहे लघु प्राणी उद्यान से 37 और तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन से बचाए गए 145 पशु पक्षी आएंगे।
लखनऊ से आएगा रॉयल बंगाल टाइगर
चिड़ियाघर को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए दुर्लभ जानवरों को गोरखपुर ले आने की अनुमति मिल चुकी है। इसमें सबसे अधिक आकर्षित करने वाला रॉयल बंगाल टाइगर लखनऊ चिड़ियाघर से आएगा। तेंदुआ, गेंडा, भालू, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, घड़ियाल, फिसिंग कैट और भेड़िया प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इनसे बढ़ेगी चिड़ियाघर की शोभा
चिड़ियाघर को उच्च स्तर का बनाने के लिए अफ्रीका से एक जोड़ी जेब्रा मंगाए जाएंगे। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। प्राणी उद्यान में सांप की सात प्रजातियां अजगर, रैट स्नैक, रेसल वाइपर, कोबरा, पिट वाइपर, बोआ, समुंद्री बोआ रखी जाएंगी। इसके अलावा हिरनों की प्रजातियों में बारह सिन्घा, ब्लैक बग, बार्किंग डियर (हिरन) और स्पाटेड डियर (हिरन) भी रखी जाएगी। उद्यान में पक्षियों में जंगली मुर्गा, रोजी ब्लैकन, बत्तक, ग्रूल्स, ग्रे हेडेड ग्रूल्स भी रखे जाएंगे। लोमड़ी, दरयाई घोड़ा (हिप्पोपोटामस), पक्षी पीजेन्ट कलिज, बोनट बंदर, सांभर भी रहेंगे।
पूर्ववर्ती सरकारों ने यूं बदले नाम,निर्माण पर जोर नहीं
वर्ष 2009-10 में मायावती सरकार ने मान्यवर कांशीराम चिड़ियाघर निर्माण के लिए 88.64 करोड़ का प्रस्ताव बनाया और निर्माण शुरू हुआ। इसे चार वर्ष में पूरा करना था। 124.274 एकड़ में बनने वाले चिड़ियाघर के लिए 7 लाख, 2010-11 में 96 लाख, 2011-12 में 903.60 लाख मिला। तत्कालीन सरकार ने 21 मार्च 2011 को कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विधायन एवं निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड (पैकफेड) को सौंपी। वर्ष 2012-13 में पैसा नहीं मिला। वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार ने प्राणी उद्यान का नाम बदलकर शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान रख दिया।
निर्माण संस्था भी बदल दी। 2017 के बाद से अब तक प्रदेश में योगी की सरकार बनने के बाद 50 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए। पूर्ववर्ती सरकारों ने गोरखपुर प्राणी उद्यान का सिर्फ नाम के लिए शिलान्यास किया लेकिन उसके निर्माण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार बनने के बाद स्वयं योगी आदित्यनाथ ने केवल गंभीरता दिखाई बल्कि अपने प्राथमिकता के कार्यो की सूची में शामिल किया। दारा सिंह चौहान,वन एवं पर्यावरण मंत्री,उत्तर प्रदेश सरकार
इस प्राणी उद्यान में पयर्टकों को एक ही स्थान पर जलीय,स्थीय पारिस्थितिकीय तंत्र से परिचित होने का अवसर मिलेगा। लोगों को मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धन का भी का भी भरपूर लाभ मिलेगा। इससे पर्यटक आसानी से आकर्षित हो सकेंगे। एनके जानू, निदेशक, शहीद अशफाक उल्लाह प्राणी उद्यान गोरखपुर

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