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सरकार गठन के लिए शिवसेना के समर्थन को तैयार NCP, रखी ये बड़ी शर्त

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महाराष्ट्र में लंबे चले राजनीतिक बवाल के बाद बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से पीछे हटने पर आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के एकनाथ शिंदे सरकार बनाने के लिए अपनी पार्टी की इच्छा और क्षमता का संकेत देने के लिए कहा। ऐसे में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने मौका देखते हुए शिवसेना को समर्थन देने पर अपनी शर्त रख दी है। राकांपा के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमारे समर्थन के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को पहले केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होना होगा।
बताते चलें कि हाल ही में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करके कहा था कि कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनसीपी-कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि वह दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन है। इसके ठीक बाद कांग्रेस के ही नेता संजय निरूपम ने कहा था कि- महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार केवल एक कल्पना है। अगर हम उस कल्पना को वास्तविकता में बदलना चाहते हैं, तो शिवसेना के समर्थन के बिना यह संभव नहीं होगा और यदि हम शिवसेना का समर्थन लेते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए घातक होगा।
भाजपा ने आज ही राज्यपाल से मिलने के बाद साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी सरकार नहीं बनाएगी। महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने आज राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर भरोसा जताते हुए जनादेश दिया है। लेकिन शिवसेना ने महाराष्ट्र की जनता के दिए जनादेश का अनादर किया है। हम अकेले सरकार नहीं बना सकते। शनिवार को राज्यपाल ने भाजपा को राज्य में सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करने का न्योता दिया था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो गया है और भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच खरीद-फरोख्त की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र कांग्रेस के 34 विधायकों को पार्टी शासित राजस्थान भेज दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- हमें कांग्रेस विधायकों को राजस्थान लाना पड़ा है, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त का खतरा था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को अनुसार भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसका दावा है कि उसे कुछ निर्दलीय तथा छोटी पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि 288 सीटों वाली विधानसभा में क्या वह बहुमत के 145 के आंकड़े पर पहुंच सकती है या नहीं।

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