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शौचालय का पता लगाने के लिए सरकार ने पेश किया एप्प

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शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पांच शहरों और मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में उपयोग के लिए सार्वजनिक शौचालय का पता लगाने के लिए ‘‘गूगल मैप्स शौचालय लोकेटर एप्प” की शुरुआत की. शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत और सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की रफ्तार बढ़ने से स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) आज एक नए स्तर पर पहुंच गया है. जिससे सार्वजनिक शौचालय तक आसानी से पहुंच हो गई है. वेंकैया नायडू ने कहा कि अब यह सुविधा दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा तथा मध्य प्रदेश के दो शहरों में उपलब्ध है जिससे खुले में शौच की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी.
स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय कीवर्ड का उपयोग करके उपयोगकर्ता एनसीआर के पांच शहरों में बस और रेलवे स्टेशनों, मॉल, अस्पतालों, ईधन स्टेशन, मेट्रो स्टेशन के आसपास स्थित 5162 शौचालयों तथा इंदौर 411 और भोपाल में 703 शौचालयों तथा सार्वजनिक तथा सामुदायिक शौचालय परिसरों का पता लगा सकते हैं. इस एप्प के माध्यम से यह भी जानकारी उपलब्ध कराएगा कि शौचालय मुफ्त है या इसके लिए भुगतान करना होगा. इस सुविधा का आने वाले समय में अन्य शहरों में भी विस्तार किया जाएगा, शहरी विकास मंत्रालय ने इस सेवा के लिए गूगल के साथ भागीदारी की है. वेंकैया नायडू ने टॉलस्टाय मार्ग मेट्रो स्टेशन के पास, कॉपरनिकस मार्ग पर, हरियाणा भवन के सामने, शेरशाह रोड पर, राष्ट्रीय कला गैलरी में पीपीपी मॉडल के तहत नि शुल्क स्मार्ट शौचालयों का भी शुभारंभ किया है. एनडीएमसी ने पालिका बाजार में रिवर्स वेंडर मशीने की शुरुआत की है.
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति के बारे में बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि यह मिशन अक्टूबर, 2014 में शुरु किया गया था जिसने वर्ष 2016 के दौरान रफ्तार पकड ली। इस कारण 502 शहरों और कस्बों ने अपने आपको खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। अगले साल मार्च तक 237 अन्य शहर खुले में शौच से मुक्त हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष मिशन के लक्ष्यों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में लक्ष्य के आधे शौचालयों का निर्माण हो चुका है.
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 66 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य की तुलना में 27,81,883 शौचालयों का निर्माण हो चुका है और 21,43,222 का निर्माण कार्य प्रगति पर है. पांच लाख से अधिक सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण होना है, जबकि 1.07 लाख सीटों का पहले ही निर्माण हो चुका है तथा 1.30 लाख अन्य शौचालय सीटें निर्माणाधीन हैं.
वेंकैया नायडू ने गुजरात, आंध्र प्रदेश, सिक्किम का जिक्र किया जिनके सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है. इसके अलावा केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झरखंड, कर्नाटक तथा केंद्र शासित क्षेत्रों में चंडीगढ और पुडुचेरी शौचालयों के निर्माण में शीर्ष पर हैं. यहां वस्तुगत लक्ष्यों का 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण हो चुका है.
उन्होंने यह भी बताया कि देश में वर्तमान में अपशिष्टों से कंपोस्ट खाद बनाने के 95 संयंत्र काम कर रहे हैं जिनसे प्रतिवर्ष 2.88 लाख टन कंपोस्ट खाद का निर्माण हो रहा है. इस तरह के कर्नाटक में 17, गुजरात में 16, महाराष्ट्र में 15, तमिलनाडु में 9 और उत्तर प्रदेश में 7 संयंत्र काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रतिमाह 3,000 मीट्रिक टन कंपोस्ट खाद का निर्माण हो रहा है. अपशिष्ट से कंपोस्ट खाद बनाने के 313 अन्य संयंत्रों का पुनरुद्धार और उन्नयन किया जा रहा है इनकी कुल उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 22 लाख टन होगी। अपशिष्ट से उर्जा बनाने वाले 7 संयंत्र देश में परिचालित हैं. इनमें से दिल्ली में 3, महाराष्ट्र में 2 और मध्य प्रदेश और तेलंगाना में एक-एक संयंत्र कार्यरत हैं जो नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट से 88.40 मेगावाट की बिजली का उत्पादन कर रहे हैं.
वेंकैया नायडू ने अभी हाल में खुले में शौच मुक्त बने 12 शहरों और कस्बों को स्वच्छता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और उनके दावों का भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा सत्यापन किया गया। इन शहरों और कस्बों में आंध्र प्रदेश से विशाखापट्टनम, गुंटूर और नेल्लोर, हरियाणा से थानेसर और सिरसा, तमिलनाडु से सचिन्द्रम और मैलाडी और महाराष्ट्र से खोपोली, कोल्हापुर और नंदुरबार शामिल हैं

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