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शुगर से बचना है तो महिलाएं सिल पर पीसें मसाला

आधीआबादी

शुगर से बचना है तो मेहनत की आदत डालनी होगी। विशेषकर महिलाओं में ये बीमारी तेजी से पनप रही है। इस रोग से बचना है तो महिलाओं को सिल पर मसाला पीसना होगा। झाड़ू पोछा लगाना तुरंत ही शुरू करना होगा। सुबह सवेरे आधा घंटा सैर के लिए जरूर निकलना होगा। पुरुषों को भी शारीरिक श्रम में अधिकत्ता लानी होगी।ये बातें अमेरिका के शिकागों में अपना शोध पढ़कर सुनाने वाली अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्रा तथा शेरकोट की बेटी नीलोफर ने एक बयान में कही। उन्होंने इस अधिवेशन में सीरम ऑटो एंटीबॉडीज अगेंस्ट ग्लाइकेटेड एलब्यूमिन इन पैशेंट्स ऑफ डायबिटीज शीर्षक प्रस्तुत किया।गुरुवार को बातचीत में नीलोफर ने बताया कि देश में हर तीसरा व्यक्ति इस रोग का शिकार हो रहा है। कहा कि टाइप-2 डायबिटीज में रेटिनो पैथी, नेफ्रो पैथी तथा न्यूरो पैथी आदि हैं। डायबिटीज से सबसे पहले और सबसे अधिक मनुष्य के गुर्दे प्रभावित होते हैं। शुगर से पीड़ित मौतों में अधिकांश मौतें किडनी फेलियर से ही हो रही हैं। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक है।नीलोफर के अध्य्यन पर नजर डालें तो महिलाओं को इस बीमारी से बचने के लिए घर के झाड़ू, पोछे और मसाले पीसने का काम जरूर करना चाहिए। शुगर फ्री टैबलेट्स के इस्तेमाल से बचने की सलाह देती हैं। डायबिटीज रोग से फिलहाल बचाव को ही उपाय बताती हैं। कहती हैं कि अब ये रोग अमीरों का नहीं रह गया है बल्कि भौतिकतावादी इस युग में ग्रामीण परिवेश में भी कई परिवर्तन आए हैं। नतीजा ये हो रहा है कि इन क्षेत्रों में भी तेजी से लोग शुगर की चपेट में आ रहे हैं।नीलोफर के शोध पत्र को अमेरिका में काफी सराहा गया है। ये हैं इस होनहार छात्रा की उपलब्धियां शेरकोट के मोहल्ला नौंधना निवासी कासिम मलिक की पुत्री नीलोफर ने हाल ही में सिक्स्थ इंटरनेशनल कॉनफ्रेंस ऑन इम्यूलॉजी शिकागों अमेरिका में शिरकत की है। इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च, नई दिल्ली द्वारा सीनियर रिसर्च फैलो, 2015 अवॉर्ड के अलावा 2013-14 में निंबस यंग इनोवेटर अवॉर्ड मिला। साथ ही वर्ष 2011 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से बेस्ट ओरल अवॉर्ड भी मिला। फिलहाल विश्वविद्यालय में पीएचडी की छात्रा हैं। नीलोफर के कईं शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं।

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