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वेतन-पेंशन से जुड़ी सिफारिशें स्वीकार की, इसी साल मिलेगा एरियर-जेटली

ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गयी. यह फैसला एक करोड़ से अधिक मौजूदा व रिटायर्ड केंद्रीय कर्मियों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने भत्ता सहित औसतन 23.55 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सफारिश की है. यह फैसला पहली जनवरी 2016 से प्रभावी है. मोदी सरकार के इस फैसले से 47 लाख वर्तमान केंद्रीय कर्मचारियों और 53 लाख सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को और उनके आश्रितों को सीधा लाभ होगा. अब नियुक्ति के समय सबसे जूनियर लेवल के केंद्रीय कर्मियों को भी कम से कम 18 हजार रुपये वेतन मिलेगा. इस फैसले से कई सेक्टर में डिमांड बढ़ेगा.
शाम में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस कर वेतन आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने व वेतन वृद्धि का पूरा ब्यौरा दिया, जिसके प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख इस खबर में ऊपर किया गया है.
उधर, चेन्नई में इस वेतन वृद्धि से नाराज केंद्रीय कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन पर उतर आये हैं. वे इसे उम्मीद से कम वेतन वृद्धि मान रहे हैं. मोदी सरकार ने जहां सिफारिश के अनुरूप वेतन वृद्धि को मंजूरी दी है, वहीं पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिश से अधिक वेतन वृद्धि को मंजूरी दी थी.
उल्लेखनीय है कमीशन ने 23.55 प्रतिशत औसत सेलरी, भत्ता व पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की थी. यानी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें में प्रस्तावित भत्तों को जोड़ दिया जाये तो सिफारिश के अनुसार, वेतन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि करने की सिफारिश की गयी थी. सातवें वेतन आयोग ने जूनियर लेवल के केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी. सूत्रों के अनुसार, मूल वेतन में इतनी ही वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है. यह सिफारिश 70 साल के इतिहास में सबसे कम बतायी जा रही थी. इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी, पर 2008 में सरकार ने इसे लागू करते समय दोगुणी वृद्धि की गयी थी.
इस वेतन वृद्धि के बाद एक नवनियुक्त आइएएस अधिकारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 23 हजार रुपये की जगह 56 हजार रुपये होगी. वहीं, सेना में नियुक्त होने वाले एक जवान की न्यूनतम सैलरी अब 8460 रुपये की जगह 21, 700 रुपये होगी. इस वेतन वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2016-17 में वेतन व भत्ता मद में कुल 1.84 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, जो पिछले साल करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले बार से यह राशि 65, 687 करोड़ रुपये थी.
आशंका है कि केंद्रीय कर्मचारियों के कुछ संगठन पे कमीशन की सिफारिशों से असंतुष्ट होकर हड़ताल पर जा सकते हैं. कॉनफेडरेशन आॅफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंपलाइज एंड वर्कर ने पूर्व में ही एक ब्लॉग के माध्यम से 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी और पे कमीशन के बारे में सरकार को चेताया था. हालांकि उस ब्लॉग के साथ पोस्ट किये गये पत्र में इसके अलावा और कई दूसरी मांगें व सरकार के फैसले पर आपत्ति भी शामिल हैं.इस अहम मुद्दे को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अपने चीन यात्रा से एक दिन पहले ही स्वदेश लौट आये थे. उनके आने से पहले ही सोमवार को पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी, ताकि उसका कैबिनेट नोट तैयार कराया जा सके. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये आवंटन का प्रावधान किया है.
सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर थे. उल्लेखनीय है कि 900 पन्नों की सातवें पे कमीशन की रिपोर्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर ने नवंबर 2015 में वित्तमंत्री अरुण जेटली को सैंपी थी. इसके बाद जनवरी में सरकार ने कैबिनेट सचिव पीएके सिन्हा की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन इस रिपोर्ट की जांच करने के लिए किया था.

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