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विदेशी और घरेलू निवेशकों को राहत, सरकार ने टैक्स सरचार्ज में बढ़ोतरी वापस ली; बैंकों को 70 हजार करोड़ दिए जाएंगे

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अर्थव्यवस्था में मंदी और शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को कई ऐलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेशी और घरेलू निवेशकों पर सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस ले लिया गया है। यह मौजूदा वित्त वर्ष से ही लागू होगा। सरकार ने बजट में सुपर-रिच पर सरचार्ज बढ़ा दिया था। शेयर बाजार में निवेश से मुनाफा कमाने वाले भी इसके दायरे में माने गए थे। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार अगले हफ्ते कुछ और ऐलान करेगी।
बजट में 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए सालाना आय वालों (सुपर रिच) पर सरचार्ज 15% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया था। 5 करोड़ रुपए से ज्यादा आय वालों पर यह 37% कर दिया गया था। इससे 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक आय वालों के लिए प्रभावी टैक्स दर 3% बढ़कर 39% और 5 करोड़ रुपए से ज्यादा आय वालों के लिए 7% बढ़कर 42.74% हो गई थी। शेयर बाजार में निवेशकों को भी इस दायरे में माना गया। इस वजह से विदेशी निवेशकों ने बिकवाली तेज कर दी थी और बाजार में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ था।
वित्त मंत्री के प्रमुख ऐलान
बैंक, एनबीएफसी, एमएसएमई
सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी जारी की जाएगी। इससे उनके पास कर्ज बांटने के लिए नकदी बढ़ेगी।
बैंक आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को तुरंत देने के लिए तैयार हैं।
कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने से होम, ऑटो समेत सभी लोन की ईएमआई घटेगी, इंडस्ट्री के लिए भी वर्किंग कैपिटल लोन सस्ता होगा।
सरकारी बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि लोन पूरा होने के बाद ग्राहकों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज 15 दिन में लौटा दिए जाएं।
एनबीएफसी को आधार से जुड़े केवाईसी के इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी, इससे कर्ज प्रक्रिया आसान होगी।
लघु और मध्यम उद्योगों के बकाया जीएसटी रिफंड 30 दिन में जारी कर दिए जाएंगे। आगे से जीएसटी रिफंड 60 दिन में दे दिए जाएंगे।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को लिक्विडिटी 20 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ की जाएगी।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के नियमों और आधार संबंधी नियमों में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
ऑटो सेक्टर
31 मार्च 2020 तक खरीदे गए बीएस-IV वाहन रजिस्ट्रेशन की पूरी अवधि के लिए वैध रहेंगे।
वाहन रजिस्ट्रेशन फीस में बदलाव का फैसला जून 2020 तक टाला।
मांग बढ़ाने के लिए सरकारी विभागों में नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाई जाएगी।
कॉरपोरेट
कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नियमों का उल्लंघन कानूनी अपराध नहीं माना जाएगा। इसे केवल सामाजिक जिम्मेदारी के तौर पर ही देखा जाएगा।
टैक्सेशन
विजयादशमी से इनकम टैक्स असेसमेंट फेसलेस होगा।
टैक्स संबंधी नोटिस कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से ही जारी होगा।
कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक डॉक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर के बिना कोई भी कम्युनिकेशन वैध नहीं माना जाएगा।
इससे करदाताओं को परेशान करने की घटनाएं रुकेंगी।
स्टार्टअप
स्टार्टअप और उनके निवेशकों पर एंजेल टैक्स के प्रावधान लागू नहीं होंगे। स्टार्पअप की समस्याओं को सुलझाने के लिए अलग सेल बनाई जाएगी। स्टार्पअप आयकर से जुड़े मुद्दों को इस सेल के जरिए तेजी से निपटा सकेंगे।
कई देशों में मंदी के संकेत, भारत की स्थिति बेहतर: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि ट्रेड वॉर और चीन की मुद्रा में तेज गिरावट की वजह से वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बनी हुई है। अमेरिका और जर्मनी में भी मंदी के संकेत नजर आ रहे हैं। ग्लोबल जीडीपी का अनुमान और घटने की आशंका है। बाकी देशों के मुकाबले भारत की स्थिति अच्छी है। 2014 में सुधारों की प्रक्रिया शुरू की थी जो अब भी जारी है। लेबर और टैक्सेशन से जुड़े सुधारों की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
सरकार को इन ऐलानों की जरूरत क्यों पड़ी?
जीडीपी ग्रोथ रेट बीते वित्त वर्ष (2018-19) में घटकर 6.8 रह गई। यह 5 साल में सबसे कम है।
औद्योगिक उत्पादन दर जून में घटकर 2% रह गई। यह 3 महीने में सबसे कम है।
बजट के बाद से अब तक सेंसेक्स में 8% गिरावट आई
यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई में 19% घट गई। यह 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट है।
आगे क्या ?
वित्त मंत्री ने पिछले दिनों इंडस्ट्री के लोगों के साथ बैठकें कर अर्थव्यवस्था के हालात पर चर्चा की थी। इसी आधार पर फैसले लेते हुए ग्रोथ में तेजी के लिए ऐलान किए गए। सरकार को अब उम्मीद है कि शेयर बाजार में निवेशक ठहरेंगे। बाजार में नकदी बढ़ने से कर्ज आसान होंगे। इन कदमों से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। सरकार अगले हफ्ते हाउसिंग सेक्टर के लिए भी ऐलान करेगी।

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