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वन विभाग का दावा, अब सिर्फ 26 स्थानों पर लगी है आग

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राज्य के जंगलों में लगी भीषण आग को देखते हुए सरकार ने चीड़ के पेड़ से निकलने वाले लीसा दोहन पर फिलहाल रोक लगा दी है। अपर मुख्य सचिव (वन) एस रामास्वामी ने बताया कि ज्वलनशील पदार्थ होने से लीसा पर तेज आग पकड़ती है। जंगलों में आग फैलाने में लीसा भी एक वजह है। रामास्वामी ने बताया कि अग्रिम आदेश तक इसके दोहन पर रोक लगा दी है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में अपर मुख्य सचिव (वन) एस रामास्वामी ने बताया कि मौसम से राहत मिलने पर तीन -चार दिन तक आग लगने की घटनाएं कम होने की उम्मीद है। आज 121 स्थानों पर आग भड़की, जिसमें से ज्यादा घटनाओं पर काबू पा लिया। अब सिर्फ 26 स्थानों पर ही आग फैली है, जिस पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
रामास्वामी ने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर से आज नैनीताल से दस जबकि पौड़ी से छह उड़ानें भरी और आग बढ़ने पर अकुंश लगाया। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल के भीतर जिन क्षेत्रों में वृक्षारोपण हुआ था, वहां एक फीसदी से कम जंगल को नुकसान पहुंचा है। एनजीटी ने उत्तराखंड से आग की स्थिति का ब्योरा मांगा है। इस मौके पर पीसीसीएफ राजेंद्र महाजन, अपर सचिव सी रविशंकर व मीनाक्षी जोशी भी मौजूद रहे।
रामास्वामी ने बताया कि 3000 फीट से अधिक ऊंचाई के क्षेत्रों में फायर लाइन से पेड़ों के कटान के लिए केंद्र का लिखित आदेश का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय टीम ने दो दिन पहले इसकी अनुमति दे दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने से अड़चन आ रही है।
अपर सचिव व जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक सी रवि शंकर ने बताया कि पहाड़ के जंगलों में लगी आग से कोई बुकिंग रद्द नहीं हुई। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न शहरों में जीएमवीएन के 11 स्थानों पर ऑफिस हैं। जरूर लोग उत्तराखंड के स्थिति के बारे में जानकारी मांग रहे हैं, लेकिन बुकिंग किसी ने रद्द नहीं कराई। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे स्थिति सुधरने से चारधाम यात्रा पर असर नहीं पड़ेगा।
वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों में टाइगर, हाथी, लैपर्ड, आदि खूंखार जानवरों के रिहायशी इलाकों की तरफ भागने के आशंका के मद्देनजर पशु चिकित्सकों की पांच टीमें भी मुस्तैद की हैं। रामास्वामी ने बताया कि यदि कोई जानवर भागकर आता है तो उसे बेहोश करने के बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की व्यवस्था की है।
खास बातें
3466 हेक्टेयर जंगल जल चुका है अब तक
1591 घटनाएं हुई अब तक आग की
04 लोगों की हो चुकी है मौत
16 व्यक्ति विभिन्न स्थानों पर झुलसे
48 मुकदमे दर्ज हुए हैं अब तक
11,160 कर्मचारी लगे हैं आग बुझाने में

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