Comments Off on लालू को झटका, फातमी ने तोड़ा नाता 3

लालू को झटका, फातमी ने तोड़ा नाता

ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, बिहार

राजद के कद्दावर नेता सह पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। पंडासराय स्थित पार्टी कार्यालय में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने यह ऐलान किया। हालांकि, वह किस पार्टी में जायेंगे, इस संबंध में कुछ भी बोलने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाएंगे। जनता जो कहेगी, वैसा ही करेंगे।
पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी में फातमी ने कहा कि राजद से 26 वर्षों पुराना नाता तोड़ने का उन्हें अफसोस है। लेकिन कोई उपाय बचा भी नहीं था। सउदी अरब से 1989 में लौटा तो लालूजी के साथ आया। उस समय से हर सुख-दुख, जीत-हार में हम साथ रहे। लेकिन जो ताकत मिली वह धीरे-धीरे कम होती चली गई।
क्षेत्रीय नेताओं पर लालूजी की पकड़ ढ़ीली है। नतीजतन जनता दल से एक-एक कर नीतीश, शरद यादव, रामविलास पासवान, रंजन यादव पार्टी छोड़ते चले गये। इससे पार्टी लगातार कमजोर होती गई। ऐसे में वे लोग हावी हो गए जिन्होंने पार्टी को कुछ दिया तो नहीं लेकिन गलत फैसले जरूर करवाये।
लालूजी पर चंद लोग हावी हैं जो पैसे तो दे सकते हैं लेकिन अच्छी सलाह नहीं। केवल पैसे के बल पर चुनाव नहीं जीता जा सकता। पार्टी नेता प्रेमचंद गुप्ता पर हमला करते हुए फातमी ने कहा कि वे राजद के अमर सिंह हैं।
जिस तरह अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव की नैया डुबो दी थी, उसी तरह ये भी कर रहे हैं। जितने भी लोगों ने पार्टी छोड़ी उनके पीछे कहीं न कहीं ये ही हैं। ये पार्टी में रहे तो और बुरा हाल होगा। फातमी के मुताबिक वर्ष 2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को बहुमत नहीं मिला। उस समय रामविलास पासवान अलग थे। इसके बाद नवंबर में चुनाव हुआ। वे साथ आ सकते थे, लेकिन श्री गुप्ता के कारण ऐसा नहीं हुआ। मैंने उस समय भी रामविलास पासवान से समझौता करने की अपील की थी। वर्ष 2009 में भी ऐसा ही हुआ।
वर्तमान चुनाव में भी रामविलास, कुशवाहा आदि के साथ आने की बात थी। मैंने एक दिन तो ग्यारह घंटे तक लालूजी को समझाया। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। क्षेत्रीय नेताओं पर लालू जी की पकड़ नहीं होने और रामविलास से समझौता नहीं होने के कारण ही इस चुनाव में पार्टी की हार हुई।
किसी का नाम नहीं लेते हुए उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में हार के पीछे क्षेत्रीय नेताओं का भितरघात रहा। यह बात लालूजी को भी पता है लेकिन उन्होंने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में पार्टी में बने रहने का कोई मतलब ही नहीं है। इसलिए मैं पार्टी से अपना नाता तोडम् रहा हूं। सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन मैं बैठूंगा नहीं।
आम आवाम के बीच जाकर, उनकी सलाह से अगला फैसला करूंगा। यह पूछे जाने पर कि किस पार्टी में जाएंगे, उन्होंने कहा कि किसी पार्टी का बुलावा नहीं आया है।

Back to Top

Search