Comments Off on रेहल को ना !अब सुसाडी का देखेंगे विकास 2

रेहल को ना !अब सुसाडी का देखेंगे विकास

ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, बिहार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले 12 जनवरी को समीक्षा यात्रा के क्रम में सासाराम आ रहे हैं. यहाँ आने के कार्यक्रम की जिला प्रशासन ने पुष्टि कर दी है. पर जिले में चल रही योजनाओं की हकीकत जानने के लिए गावों में जाने के पल-पल बदल रहे कार्यक्रम से अधिकारियों की साँसे फूल रही है. महीने दिन से सीएम दौरे का महकमे के सर पर भूत सवार है. गाँव भ्रमण कार्यक्रम के तहत शिवसागर के आलमपुर से शुरू तैरारियां कैमूर पहाड़ी पर स्थित रेहल तक पहुंची थी कि मंगलवार की देर शाम राज्य मुख्यालय की बजी फोन की घंटी ने यहाँ के महकमे की नींद उड़ा कर रख दी.
रेहल दौरे को सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिकूल मानते हुए समतल के संझौली प्रखंड स्थित सुसाड़ी गाँव की चर्चा छिड़ गयी. नया फरमान सुन कर कल रात में ही डीएम अमिनेश पराशर अधिकारियों का हुजूम लिए अमेठी पंचायत के अंतर्गत पड़ने वाले सुसाडी पहुंचे. सोये हुए ग्रामीणों को जगा कर मुख्यमंत्री की इच्छा से अवगत कराया. डीएम के मुंह से सीएम के आने की खबर सुन ग्रामीणों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. गाँव निवासी युवा सरपंच उत्तम पासवान कहते है.
एक वर्ष पूर्व भी नीतीश जी के गाँव में आने के संभावित दौरे को देख सात निश्चय योजना के तहत 30 फीसदी घरों में नल लग गए थे. बिजली की स्थिति भी सुधारी गयी थी. नहीं आये तो कार्य आधे अधूरे छोड़ दिए गए. पंचायत के अमेठी, सिकठी, इंग्लिशपुर, बरौली, मसोना, मथुरापुर में योजनाओं का अभी श्री गणेश तक नहीं हुआ है.
दूसरी तरफ रेहल में सीएम के दौरे के स्थगित होने की खबर फैलते आदिवासी वहूल इलाके में मायूसी छा गयी. पिछले एक पखवारे से जिले में सुर्खियाँ बटोरे रेहल और आसपास के पहाड़ी गावों में सीएम के आने को ले लोगों में काफी ख़ुशी थी. कई लोगों ने पांच वर्ष पूर्व नीतीश कुमार के एकाएक हुए रोहतास किला के दौरे का फोटो दिखाते हुए कहा कि उसी समय उन्होंने रेहल आने का वादा किया था. जिला मुख्यालय से सौ किमी दूर रेहल के लोगों में पहली बार विकास की आस जगी थी. हालांकि इस दौरान वहाँ सात निश्चय के तहत कई योजनायें धरातल पर उतरी दिखती हैं.
गाँव में आने जाने के लिए मोरम की ही सही सड़क तो मिल गयी. रेहल का दौरा स्थगित होने से मायूस सत्ताधारी दल जदयू के स्थानीय कार्यकर्ता इसे वोट की दृष्टि से ठगे हुए महसूस करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कार्यकर्ता ने कहा कि सीईओ की तौर पर कार्य करने से चुनाव में घाटा हो सकता है. मुख्यमंत्री तो जनता का आदमी होता है. पर अधिकारियों का कॉकस उन्हें जनता से दूर करते जा रहा है.
16 वर्षों बाद फिर चर्चा में रेड कारिडोर की राजधानी रेहल, 13 को रोहतास आ रहे सीएम
जिला प्रशासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने गाँव के दौरे पर सीएम के कार्यक्रम के बारे में कुछ भी बता पाने में अपनी असमर्थता जताते हुए कहा कि उस श्रेणी में सुसाड़ी को भी रखा गया है. जहा तैयारियां चल रही हैं. 12 की शाम पहुँचने के बाद वे यहाँ के डीआरडीए सभागार में अधिकारियों के साथ रोहतास के अलावा सीमावर्ती कैमूर एवं बक्सर जिलों की योजनाओं की समीक्षा करेंगे.

Back to Top

Search