रेलवे में अब दसवीं पास भी होंगे ग्रुप डी में बहाल, ITI की अनिवार्यता खत्म, सुशील मोदी ने दी रेल मंत्री को बधाई
कैरियर, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें February 23, 2018 , by ख़बरें आप तकरेलवे ने कुलियों, गेटमैन, हेल्पर और लेवल-1 में अन्य नौकरियों के लिए आवेदन करनेवालों के लिए पिछले साल तक पालन किये जानेवाले नियमों में छूट दे दी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इन नौकरियों के लिए आवेदन करनेवाले अभ्यर्थियों से कहा कि उन्हें दसवीं पास होना चाहिए. रेलवे ने भर्ती विज्ञापन में लेवल एक के 62,907 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 और रेलवे एप्रेंटिसशिप या समकक्ष का आईटीआई प्रमाणपत्र का मानक रखा था, लेकिन अब तकनीकी प्रमाणन को वैकल्पिक बना दिया गया है. लेवल-1 में पटरी रख-रखाव, प्वाइंट मैन, हेल्पर, गेट मैन, कुली और अन्य के पद हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘हमें एहसास हुआ कि हमने उम्मीदवारों को पर्याप्त समय नहीं दिया है कि वे समझ सकें कि मानदंड बदल गया है, ऐसे में हमें कक्षा दसवीं की योग्यता की जरूरत है. हमें प्रशिक्षण कार्यक्रम को मजबूत करना है, जिसे हमारी आगे मजबूत करने की योजना है. ऐसे में कोई समस्या नहीं होगी.’
पहले 10वीं कक्षा पास विद्यार्थी लेवल-1 परीक्षा में भाग ले सकते थे, हम इस स्थिति को पुनः स्थापित कर रहे हैं, अब इस परीक्षा के लिये 10वीं पास विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं
कक्षा 10, या ITI, या NCVT का प्रमाणपत्र रखने वाले सभी अभ्यर्थी अब लेवल-1 की परीक्षा के योग्य माने जायेंगे, और वह इन पोस्ट्स के लिये आवेदन कर सकते हैं
मैं समझता हूँ की इस पूरे विषय में सरकार से युवक – युवतियों की, जनता जनार्दन की उम्मीदें है, कि सबको समान मौका मिले, रेलवे भर्ती की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिले, इसलिये जनहित में फैसले लिए है:
आईटीआई की अनिवार्यता खत्म करने पर रेलमंत्री को सुशील मोदी ने दी बधाई
रेलवे के ग्रुप डी के पदों के लिए आईटीआई की अनिवार्यता खत्म करने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को फोन करके बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि ग्रुप-डी के पदों के लिए मैट्रिक की योग्यता ही काफी है. आईटीआई की अनिवार्यता खत्म होने से बिहार के लाखों युवकों को फार्म भरने और परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा. मालूम हो कि मोदी ने बुधवार को रेल मंत्री से फोन पर बात कर ग्रुप-डी के 62,900 पदों के लिए मैट्रिक के साथ आईटीआई की अनिवार्यता को खत्म करने का आग्रह किया था. इसके पहले उन्होंने आयु सीमा में छूट देने की पहल की थी, जिसके बाद रेलवे ने दो साल उम्र सीमा बढ़ाई और ग्रुप-डी के लिए आईटीआई की अनिवार्यता को खत्म कर दिया. मोदी ने कहा कि ग्रुप-सी के तहत 26,500 असिस्टेंट लोको पायलट और तकनीकी पदों की रिक्तियों के लिए तो आईटीआई की अर्हता स्वागतयोग्य है, मगर ग्रुप-डी के लिए यह जरूरी नहीं थी.
बिहार के नेताओं की पहल पर सरकार ने उठाया कदम
रेलवे ने भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की पहल पर पहले ही अधिकतम आयु सीमा में छूट देने की घोषणा कर चुका है. रेल मंत्री ने बिहार के भाजपा नेताओं सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव का जिक्र करते हुए कहा कि इन लोगों ने भी छात्रों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए आग्रह किया था. छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है.
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