राशि भरपूर, पर खर्च करने में मजबूर दुर्गावती जलाशय परियोजना
कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार February 17, 2017 , by ख़बरें आप तकरोहतास व कैमूर जिलों के खेतों की सिचाई के लिए महती दुर्गावती जलाशय परियोजना से जुडी नहरों, वितरनियों के निर्माण में हो रहे अप्रत्याशित विलंब को विभाग ने गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों से कैफियत मांगा है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार ने पत्र लिख कर आवंटित राशि खर्च नहीं होने पर नाराज़गी जताई है. गौरतलब है कि इस योजना के महत्व को ले गत मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौके पर आ कर परियोजना के कार्यों की समीक्षा की थी.
विदित हो कि 40 वर्ष पूर्व इस योजना की आधारशिला रखी गई थी. चार दशक की यात्रा पूरी कर पिछले साल जलाशय से पानी देने का कम शुरू हुआ. पर नहरों और माइनर के खस्ता हाल रहने से पटवन का सदुपयोग नहीं हो सका. गत वर्ष इस परियोजना को प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना के अंतर्गत ले लिया गया. अब उसी के तहत कार्य हो रहे है. इस योजना में आवंटित 3187.87 लाख रुपये से विभिन्न नहरों, माइनरों और वितरणी का निर्माण किया जाना है. लेकिन कच्छप गति से चल रहे निर्माण कार्य की वजह से अभी तक मात्र 90 लाख रुपये ही खर्च किये जा सके है.
प्रधान सचिव ने पत्र में ग्लोबल टेंडर के तहत अधिकृत एजेंसी बाबा हंस कंस्ट्रक्शन संवेदक और विभाग के स्थानीय अधिकारियों के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कार्य में तेज़ी लाने और समय इसे पूरा करने का निर्देश दिया है. प्रधान सचिव ने पत्र में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन प्रणाली में अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है, वहां युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ किया जाये.वहीं परियोजना को लेकर सचिव ने कार्यवार साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट विभाग को देने को कहा है. विभागीय सचिव ने रिवर क्लोजर का कार्य मार्च 2017 तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा की काम की गति में तेज़ी लाते हुए संवेदक दिन-रात कार्य कर इस साल के खरीफ सीजन से पहले सभी नहरों और माइनरों का निर्माण कार्य पूरा करना है.
पिछले वर्ष नहरों में पानी तो गया, लेकिन निकटवर्ती गांवों को ही इसका लाभ मिल सका. पानी को लेकर कई गांवों में तब विवाद और तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो गयी थी. 15 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने परियोजना का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन दो वर्षों बाद भी टेल एंड तक किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंचाया जा सका. इस संबंध में दुर्गावती जलाशय परियोजना के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि दुर्गावती परियोजना में कार्य तेज़ी से चल रहा है. बीच में नक्सलियों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किये जाने से काम प्रभावित हुआ था, लेकिन अब तेज़ी से कार्य चल रहा है. 31 मार्च तक सभी निर्माण पूरा कर लिया जायेगा.
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