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राजनेताओं के ऊटपटांग बयान नजरअंदाज कर दीजिए,अगर मैं भी कहूं तो उसे भी -प्रधानमंत्री

चुनाव, ताज़ा समाचार, बिहार, विधान सभा

नवादा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने तमाम विरोधियों के आवाज को दबाते हुए नोएडा के दादरी में हुई घटना का जवाब दे दिया। उन्होंने सीधे तौर पर तो इस घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि राजनेताओं के ऊटपटांग बयानबाजी पर ध्यान मत दीजिए। अगर मैं भी कहूं तो उसे भी । अगर सुनना है तो कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जो भाषण दिया उसको सुनिए। उससे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती।उन्होंने पटना के गांधी मैदान में दो साल पहले अक्टूबर में अपनी रैली को याद किया। कहा, मेरे पहुंचने के साथ ही बम धमाके होने लगे। लोग सभा छोड़के भाग जाएं, ऐसा षड्यंत्र हुआ ताकि मोदी किसी को मुंह दिखाने के लायक न रहे। हमने शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किया। हमने राजनीति नहीं होने दी। मैंने बम धमाकों के बीच कहा था हमारे देश का भला तब होगा जब हिंदू मुसलमान एक होके गरीबी को परास्त करें। तब यहां के अहंकारी नेता पटना छोड़के कहीं और बैठे थे और हमारे भाषण का मजाक उड़ा रहे थे। उन्हें घायलों की चिंता नहीं थी। अहंकार कितना आसमान पर थी। राजनीति ऐसे नहीं होती। मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं, इन राजनेताओं के ऊटपटांग बयानबाजी पर ध्यान मत दीजिए। अगर सुनना है तो कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जो भाषण दिया उसको सुनिए। उसे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती। मैं देशवासियों से यही कहूंगा कि राजनीति का स्वार्थ सिद्ध करने का मार्ग ठीक करना होगा। जातिवाद, जहर घोलने की बात हो, गुमराह करने के तरीके हो, इन चीजों ने बिहार का भला नहीं किया है। राज्य का भला सिर्फ विकासराज से होने वाला है।
इससे पहले मंच पर आते ही उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, अपने सबके हम प्रणाम करइए। आखिरकार बिहार की जनता को इतना गुस्सा क्यों है। हर उम्र के लोगों में गुस्सा है। विकास के लिए 60 साल कम नहीं होता। बिहार में जो ये महास्वार्थबंधन हुआ है, क्या इन सभी हिस्सेदारों को जानते हो। ये महागठबंधन नहीं है। इसमें तीन खिलाड़ी हैं। एक कांग्रेस, जिसने 35 साल, दूसरे बड़े भाई जिसने 15 साल राज किया, तीसरे हैं छोटे भाई जिन्होंने 10 साल राज किया। आप बताइए आपको क्या मिला। ये वोट मांग रहे हैं, डिक्शनरी में जितने भी गंदे भद्दे शब्द हैं, रोज खोल के बैठते हैं, और सोचते हैं कि आज मोदी को कैसे गाली दी जाए, कैसे बदनाम किया जाए। अरे महागठबंधन के लोगों 60 साल के कारोबार का हिसाब दो। इन तीनों लोगों को अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं।
मोदी ने कहा, वो बता नहीं पा रहे क्योंकि उन्होंने किया ही नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं लालू जी इतना अनाप शनाप बोल रहे हो , इतना तो बताओ कि आप चुनाव से क्यों बाहर हो, आपने ऐसा क्या किया कि इस देश का कानून बिहार की जनता की सेवा करने से भी मना कर रहा है। ऐसा बिहार की जनता को भी तो बताओ। उनको लगता है 90 के दशक में ऊटपटांग बातें कर के भोले भाले लोगों को बरगला लिया। ये 2015 है आपकी ड्रामेबाजी नहीं चलेगी। क्या करके रख दिया बिहार का।
पटना में दो तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बैठेगी तो पूरे देश को बिहार को मानना पड़ेगा। दिल्ली को बिहार आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ये लोकतंत्र की ताकत होती है। मोदी ने कहा, इस बिहार को तबाह किसने किया। ये चुनाव ऐसे लोगों को सजा देने के लिए है। बटन दबाके इनको सजा दो। इन तीनों लेागों ने पिछले साठ सालों में एक दूसरे को पैर काटने का काम किया। फिर ऐसा क्या हुआ कि आज एक हो गए। बिहार के लिए एक नहीं हुए। कुर्सी के लिए एक साथ आए हैं। बिहार की जवानी में ऐसा दम है कि बिहार में चार चांद लगा दें। हम बिहार के विकास के मुद्दे पर चुनाव केंद्रित किया है। एक तरफ विकासराज की बात हो रही है तो दूसरी ओर जंगलराज। लालू जी ने यदुवंशियों का कैसा अपमान किया, लालू जी कह रहे हैं कि ये लोग ये खाते हैं, वो खाते हैं। ये यदुवंशियों का अपमान है कि नहीं। जब मामला बिगड़ गया तो लालू जी डर गए, टीवी के सामने बयान दिया, मेरे अंदर शैतान घुस गया है

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