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राजद नेता व पूर्व मंत्री मुंद्रिका यादव का निधन, मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने शोक जताया

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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रधान महासचिव और पूर्व मंत्री मुंद्रिका यादव का आज निधन हाे गया. जहानाबाद से विधायक मुंद्रिका यादव डेंगू से बीमार होने के बाद ब्रेन हैमरेज का शिकार हुए थे. पटना के पारस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. जहां उन्होंने मंगलवार की शाम अंतिम सांसें लीं. उनकी मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद समेत कई नेताओं ने शोक जताया है.
मुंद्रिका यादव बिहार में राजद के कद्दावर नेता माने जाते थे और वो लालू यादव के भी काफी करीबी थे. वे मूल रूप से बिहार के ही अरवल जिले के सोनभद्र इलाके के डारी बिगहा गांव के रहने वाले थे. उन्होंने इस बार के विधानसभा के चुनाव में जहानाबाद सीट से जीत हासिल की थी. पहले से ही डेंगू से ग्रसित विधायक मुंद्रिका यादव को सोमवार की सुबह अचानक ब्रेन का नस फट जाने के कारण रक्तस्त्राव हो गया और वे शौचालय में गिर पड़े. बेहोशी की हालत में उन्हें आइजीएमएस ले जाया गया. जहां से फिर उन्हें पारस अस्पताल में दाखिल किया गया था. वे डायबिटीज तथा बीपी से भी ग्रसित थे. जानकारी के मुताबिक बेहतर इलाज के लिए मुंद्रिका यादव को दिल्ली ले जाने पर भी विचार हो रहा था, हालांकि इसी दौरान उनकी मौत हो गयी.
राजद नेता के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गयी. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने शोक जताते हुए कहा कि उनके निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है. वे एक कर्मठ और लोकप्रिय नेता थे. इनके साथ ही तेजस्‍वी यादव, तेजप्रताप यादव सहित तमाम पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया है.
मुंद्रिका यादव छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे. गया कॉलेज से एमए करने के बाद वो सचिवालय में सिंचाई विभाग में कार्यरत थे. सन 1985 में नौकरी से इस्तीफा देने के बाद वो कुर्था विधानसभा से शोषित समाज दल की टिकट पर चुनाव लड़े मगर हार गये. उसके बाद 1990 में जनता दल के टिकट पर कुर्था विधानसभा से निर्वाचित हुए और लालू मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बनाये गए. सन 1995 में वो जहानाबाद विधानसभा से निर्वाचित हुए.
साल 2000 में मुंद्रिका कुर्था से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े मगर हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद उन्होंने पार्टी बदली और वो राजद में वापस आ गये. 2004 में राजद कोटे से विधान पार्षद बने, फिलहाल 2015 में जहानाबाद से विधायक निर्वाचित हुए थे. वो अपने पीछे परिवार में पत्नी, 4 बेटा और एक बेटी छोड़ गये हैं.

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