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रंजीत सिन्हा आपको पद से हटा दिया जा-कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ चीफ रंजीत सिन्हा को 2जी मामले के आरोपियों से मिलने के आरोप में उन्हें पद से हटाए जाने की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक को इस बाबत 10 दिनों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
सोमवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के एक अन्य मामले में सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनके ऊपर लगे आरोप बेहद संगीन है। यदि यह आरोप सही पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया था।2जी और कोयला घोटाले के आरोपियों समेत आयकर विभाग की जांच झेल रहे लोगों से लगातार मुलाकात को लेकर सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा मुश्किल में फंस गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रशांत भूषण ने बुधवार को रंजीत सिन्हा के आवास पर इन मुलाकातियों के सबूत वाले रजिस्टर की कापी सीबीआइ को सौंप दी है। हालत यह है कि न तो रंजीत सिन्हा आरोपियों के साथ मुलाकात को सिरे से नकार पा रहे हैं और न ही रजिस्टर को आधिकारिक रूप से फर्जी करार दे रहे हैं। दूसरी तरफ, सीबीआइ के प्रवक्ता कंचन प्रसाद का कहना है कि जांच एजेंसी को कथित डायरी मिल गई है और इसकी जांच की जा रही है।
वैसे तो 2जी घोटाले की जांच को पटरी से उतारने के आरोप रंजीत सिन्हा पर लंबे समय से लगते रहे हैं। अब प्रशांत भूषण ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में आरोपियों के साथ रंजीत सिन्हा की मुलाकात के सबूत के तौर पर उनके सरकारी आवास में आने वालों का ब्यौरा रखने वाला रजिस्टर पेश कर सनसनी फैला दी। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप [एडीएजी] के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले 15 महीने में रंजीत सिन्हा से 50 से अधिक बार उनके आवास पर मुलाकात की है। 2जी घोटाले के विशेष मुख्य लोक अभियोजक यूयू ललित ने भी जून में सीबीआइ पर एडीएजी के आरोपियों को बचाने के लिए अदालती कार्यवाही को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। बाद में यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बन गए।
एडीएजी अधिकारियों के साथ-साथ रंजीत सिन्हा से विवादित मांस निर्यातक मोइन कुरैशी ने भी इन 15 महीने में 90 बार मुलाकात की थी। इसमें कई बार कुरैशी के साथ सीबीआइ के पूर्व निदेशक एपी सिंह भी मौजूद थे। ध्यान देने की बात है कि चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने मोइन कुरैशी की बातचीत के टेप और उनमें करोड़ों रुपये के हवाला लेन-देन का मुद्दा उठाया था और उसके साथ संबंधों को लेकर 10 जनपथ पर हमला बोला था। कुरैशी के साथ संबंधों को लेकर एपी सिंह पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। सवाल उठता है कि करोड़ों रुपये के हवाला कारोबार के आरोपी व्यापारी से सीबीआइ निदेशक को लगभग हर हफ्ते और कभी-कभी दिन में दो बार मिलने की क्या जरूरत थी? सीबीआइ के पास इसका कोई जवाब नहीं है। इसके साथ ही मुलाकाती रजिस्टर में कोयला घोटाले के आरोपी और कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के साथ-साथ दूसरे मामले में फंसे उद्योगपतियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ रंजीत सिन्हा की मुलाकात का जिक्र है। अनौपचारिक रूप से सीबीआइ अधिकारी ऐसे किसी रजिस्टर के अस्तित्व पर ही सवाल उठा रहे हैं। इसके बावजूद सीबीआइ आधिकारिक ब्यान जारी कर रजिस्टर को फर्जी बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
वहीं, सीबीआइ के कुछ अधिकारी आरोपियों और विवादित व्यापारी से मुलाकात की पुष्टि भी कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इससे यह साबित नहीं होता कि मुलाकात के बाद उन्हें गलत तरीके से केस में फायदा पहुंचाया गया है। बुधवार को प्रशांत भूषण की ओर से रजिस्टर की कापी मिलने के बाद सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी और कानूनविदों की टीम सुप्रीम कोर्ट में इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुटे रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इसका जवाब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ही देंगे।

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