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यू मुंबा को हराकर पटना पाइरेट्स बने प्रो कबड्डी चैंपियन

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पटना पाइरेट्स ने निर्णायक क्षणों में गजब का धैर्य दिखाते हुए गत चैंपियन यू मुंबा की कड़ी चुनौती पर 31-28 से काबू पाते हुए स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग के तीसरे संस्करण का खिताब जीत लिया।
पटना पाइरेट्स को इस खिताबी जीत से एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि मिली जबकि यू मुंबा को उपविजेतारहने पर 50 लाख रुपए मिले। पुणेरी पल्टन ने बंगाल वॉरियर्स को 31-27 से हराकर तीसरा स्थान हासिल
किया। पुणे को 30 लाख रुपए और बंगाल को 20 लाख रुपए मिले।पटना और मुंबा के बीच खिताबी मुकाबले को देखने के लिए यहां के आईजी स्टेडियम में लगभग 17 हजारदर्शक मौजूद थे और दर्शकों की यह संख्या आईपीटीएल में रोजर फेडरर और राफेल नडाल जैसे दिग्गजों केरहते दर्शकों की संख्या से कहीं ज्यादा थी।
लीग में शीर्ष पर दो स्थानों पर रही टीमों मुंबा और पटना के बीच पहले हाफ में खेल स्तरीय नहीं दिखाई दिया लेकिन दूसरे हाफ में खेल ने गति पकड़ी और यह रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंच गया। दूसरे हाफ में एक-एक अंक के लिए इतना जबरदस्त संघर्ष हुआ कि दर्शकों की सांसे थमी रह गयीं। पटना ने मैच के सातवें मिनट तक ही मुंबा को ऑलआउट कर 10-2 की बढ़त बना ली। पहले हाफ तक मुंबा की बढ़त 19-11 की पहुंच गयी थी। पटना ने दूसरे हाफ की शुरुआत तीन खिलाड़ियों के साथ की लेकिन अपनी बढ़त को 23-14 पहुंचा दिया।
सी समय मुंबई के राकेश कुमार ने जबरदस्त रेड से दो अंक हासिल किए और स्कोर 16-23 कर दिया। मुंबई ने पटना को ऑलआउट करते हुए स्कोर 20-23 पहुंचा दिया। धीरे-धीरे मुंबई ने अंतर घटाना कम किया और स्कोर 25-26 और फिर 28-28 पहुंच गया। लेकिन आखिरी क्षणों में पटना के खिलाड़ियों ने गजब का धैर्य दिखाते हुए एक के बाद एक तीन अंक लिए और 31-28 से खिताब जीत लिया।
पटना ने इस तरह प्रो कबड्डी के इतिहास में मुंबई के खिलाफ अपना अपराजय क्रम बरकरार रखा। पटना ने मुंबई से सात मैचों में पांच जीते हैं और दो टाई खेले हैं। पटना की तरफ से रोहित ने रेड से आठ अंक, संदीप नरवाल ने सात अंक और विनोद कुमार ने तीन अंक जुटाये। जबकि मुंबा की तरफ से कप्तान अनूप कुमार ने आठ अंक और मोहित छिल्लर ने छह अंक बनाए।
इससे पहले पुणेरी पल्टन ने बंगाल वॉरियर्स की कड़ी चुनौती पर 31-27 से काबू पाते हुए तीसरा स्थान हासिल कर लिया। इस मुकाबले में पहला हाफ नीरस रहा लेकिन दूसरे हाफ में दोनों ही टीमों ने रोमांचक खेल का प्रदर्शन किया। पुणे की टीम आधे समय तक 15-8 से आगे थी। पुणे ने पिछले दो सत्रों में निराशाजनकप्रदर्शन किया था और दोनों ही सत्रों में ही वह आठवें और अंतिम स्थानों में रही थी लेकिन इस बार उसनेबेहतर प्रदर्शन करते हुए न केवल प्लेऑफ में जगह बनाई बल्कि तीसरा स्थान हासिल किया। बंगाल की टीमभी पहली बार प्लेऑफ में खेल रही थी। उसने मैच में शुरुआत अच्छी की लेकिन अपनी लय को बरकरार नहीं
रख पायी।
बंगाल ने अच्छी शुरुआत करते हुए 4-0 की बढ़त बनाई लेकिन पुणेरी ने जैसे ही अपनी लय हासिल की उसके खिलाड़ियों ने एक के बाद एक अंक बटोर डाले। पुणे ने बंगाल को 7-8 के स्कोर पर और फिर 11-22 के स्कोर पर दो बार ऑलआउट किया। पुणे की टीम खुद भी 25-19 की बढ़त के समय ऑलआउट हुई।
पुणे की पहले हाफ की बढ़त 15-8 थी जिसे उसने दूसरे हाफ में 22-11 पहुंचा दिया। बंगाल के कोरियाई खिलाड़ी जांग कुन ली ने दूसरे हाफ में रोमांचक प्रदर्शन किया और रेड तथा डिफेंस में अपना कमाल दिखाया। जांग कुन ली ने 16-24 के स्कोर पर सुपर रेड से तीन अंक बटोरे और फिर डिफेंस तथा रेड से एक-एक अंक और निकाला। उनका कमाल था कि बंगाल ने पुणे को ऑलआउट कर स्कोर 22-25 कर दिया। लेकिन पुणे ने अपनी बढ़त बनाए रखते हुए आखिर 31-27 पर मैच समाप्त किया।पुणे की टीम से दीपक निवास हुडा ने रेड से आठ अंक सहित कुल नौ अंक बटोरे। कप्तान मंजीत छिल्लर ने डिफेंस से पांच अंक सहित छह अंक जुटाये। अजय ठाकुर ने चार अंक बटोरे। बंगाल वॉरियर्स की तरफ से जांग कुन ली ने रेड से आठ अंक सहित नौ अंक जुटाये। महेंद्र राजपूत ने पांच, बाजीराव होदागे ने चार और कप्तान नीलेश सिंदे ने तीन अंक जुटाये।

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