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यूको बैंक के एनपीए में सबसे अधिक बढ़ोतरी

अर्थव्यवस्था

गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में यूको बैंक का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। बीते वित्त वर्ष में कुल ऋण में फीसदी में उसकी सकल गैर निष्पादित आस्तियों में सबसे अधिक इजाफा हुआ है।बैंकों के घरेलू बाजार के परिचालन के आधार पर रिजर्व बैंक के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2015 के अंत तक कोलकाता के यूको बैंक का सकल रिण पर सकल एनपीए का अनुपात बढ़कर 8.05 फीसदी हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4.47 फीसदी था। यानी उसके सकल एनपीए में सालाना आधार पर 3.58 फीसदी का इजाफा हुआ।
इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) और बैंक आफ महाराष्ट्र (बीओएम) का स्थान रहा जिनका सकल एनपीए बढ़कर क्रमश: 8.30 फीसदी और 6.18 फीसदी हो गया। आईओबी के सकल एनपीए में 3.46 फीसदी और बीओएम के सकल एनपीए में 3.02 फीसदी का इजाफा हुआ।
इसी तरह देना बैंक का सकल एनपीए 3.33 फीसदी से 1.96 प्रतिशत बढ़कर 5.29 फीसदी पर पहुंच गया। इसी तरह कारपोरेशन बैंक का सकल एनपीए 1.38 फीसदी बढ़कर 3.42 से 4.80 फीसदी पर पहुंच गया। बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों से बैंकों का मुनाफा प्रभावित हुआ है।सरकार चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों को 25,000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश दे रही है। वित्त मंत्री अरण जेटली ने पिछले महीने कहा था, हालांकि, बैंकिंग क्षेत्र की गैर निष्पादित आस्तियां चिंता का विषय है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है।

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