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मंहगाई की कमर तोड़ने की जरूरत: राजन

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रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि देश में अड़ियल बनी मुद्रास्फीति की कमर तोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा हो जाने पर भारतीय रिजर्व बैंक का काम आसान हो जाएगा। राजन ने 8वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन में कह कि वास्तविक समस्या मुद्रास्फीति है, जो लगतार (ऊंची) बनी हुई है। हम मुद्रास्फीति की कमर तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, हमें इसके प्रतिरोध को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के बाद आरबीआई का काम आसान होगा।
अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) या खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 7.8 प्रतिशत पर आ गई जो जुलाई में 7.96 प्रतिशत पर थी जबकि थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 3.74 प्रतिशत पर आ गई जो जुलाई में 5.19 प्रतिशत थी। राजन ने कहा कि देश में उपलब्ध विभिन्न तरह के आर्थिक आंकड़े बहुत व्यापक नहीं हैं और इनमें फौरन सुधार की जरूरत है।
राजन ने कहा कि हमें अपने आंकड़ों की गुणवत्ता, उनकी मात्रा और उनका दायरा सुधारने की जरूरत है और हम इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार का आंकड़ा जो विभिन्न देशों में मौद्रिक नीतियों से जुड़े फैसलों का आधार बनता है, वह काफी देर से आता है और तुलना योग्य नहीं है।
राजन ने कहा हमें समय पर, शायद मासिक आधार पर और व्यापक रोजगार का आंकड़ा इकट्ठा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आरबीआई राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के साथ मिलकर रोजगार पर ठोस और विश्वसनीय आंकड़ा तैयार करने पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कोई उचित उत्पादक मूल्य सूचकांक नहीं है और आरबीआई जल्दी ही इसकी एक श्रृंखला तैयार करेगा।

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