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भूकंप को लेकर संवेदनशील है हिमालय क्षेत्र, उत्तराखंड और हिमाचल को खतरा

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उत्तराखंड सहित पंजाब, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आज 5.3 तीव्रता के भूकंप के झटके को लोगों ने करीब 30 सेकंड तक महसूस किया। आपको बता दें की उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा भूकंप के सबसे ज्यादा खतरे वाले क्षेत्र हैं। भूकंप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।
आइआइटी-रुड़की में भूकंप विज्ञानियों के अध्ययन के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के अधिकांश हिस्से में मध्यम दर्जे के भूकंप का खतरा है। जबकि गंगा के मैदानी इलाकों में भूकंप का खतरा कम है। शोध में पैटर्न रिकॉग्निशन (पीआर) तकनीक का इस्तेमाल कर यह निष्कर्ष निकाला गया है।
यह तकनीक विभिन्न टैक्टोनिक और भूकंपीय डाटा से ली गई विशेषताओं पर आधारित है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में कांगड़ा के 1905 के भीषण भूकंप समेत कई छोटे-बड़े भूकंप आए हैं। अध्ययन के मुताबिक, इस क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में भिन्न प्रकार के भूकंप आए हैं। इसलिए भीषण भूकंप और हल्के भूकंप वाले क्षेत्रों को अलग कर उनकी पहचान की गई है। इससे भूकंप को लेकर योजना बनाने और जानमाल के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
शोधकर्ताओं ने पीआर तकनीक का इस्तेमाल कर वर्ष 1552 के बाद से भूकंप के प्रकार, उनकी तीव्रता और समय को लेकर अध्ययन किया। उन्होंने भूकंप वाले क्षेत्र का नक्शा तैयार किया और क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटा। ए श्रेणी में भूकंप की सबसे अधिक आशंका वाले क्षेत्र को रखा।
बी श्रेणी में मध्यम दर्जे की आशंका वाले क्षेत्र और सी श्रेणी में कम आशंका वाले क्षेत्र को रखा। ए श्रेणी में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड आते हैं। अध्ययन “जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस” में प्रकाशित किया गया है।

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