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भारतीय नौसेना की ताकत दिखेगी फ्लीट रिव्यू में

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विशाखापत्तनम में गुरुवार से शुरु हो रहे अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा समारोह के दौरान भारतीय नौसेना की समुद्री तथा हवाई ताकत के साथ-साथ दुनिया भर की नौसेनाओं के साथ उसके निरंतर बढ़ते तालमेल की झलक दिखाई देगी।समारोह में भारतीय युद्धपोत 50 से भी अधिक देशों की नौसेनाओं के जहाजों के साथ संयुक्त अभ्यास में अपने जौहर दिखायेंगे। युद्धपोत और पनडुब्बियों के साथ-साथ नौसेना के लगभग 90 विमान अपने हैरतअंगेज हवाई करतब पेश करेंगे।
भारतीय नौसेना फ्लीट रिव्यू का आयोजन क्यों कर रही है और इसमें क्या है खास, इन पर एक नजर-
1- नौसेना बेडे़ का निरीक्षण काफी पुरानी परंपरा है और दुनिया भर की नौसेनाओं में यह प्रचलित है। यह ऐसा मौका होता है जब नौसेना अपनी संचालन और समुद्री युद्ध की तैयारियों का सेना के सर्वोच्च कमांडर के समक्ष प्रदर्शन करती है। भारत में हर राष्ट्रपति अपने शासनकाल में एक बार नौसेना के बेडे़ का निरीक्षण करता है। देश में आजादी के बाद से अब तक दस बार नौसेना के बेडे़ का निरीक्षण हो चुका है।
2- पहला बेड़ा निरीक्षण 1953 में हुआ था। भारतीय नौसेना ने सबसे पहले 2001 में अंतर्राष्ट्रीय बेडा़ निरीक्षण का आयोजन किया था। पहले इस तरह के आयोजना में नौसेना, तटरक्षक बल और व्यापारिक जहाज भाग लेते थे लेकिन अब यह एक ऐसे बडे़ अंतरराष्ट्रीय आयोजन का रूप ले चुका है, जिसमें दुनिया भर की बड़ी नौसेनाएं शिरकत करती हैं।
3- यह पहला मौका है जब चीन भारतीय नौसेना के इस तरह के आयोजन में अपने पोत भेज रहा है। इसके अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस , ब्रिटेन और जापान जैसी महाशक्तियों के पोत भी इस आयोजन में शामिल होंगे। लेकिन भारत का निकटतम पड़ोसी पाकिस्तान इसमें अपने पोत नहीं भेज रहा है।
4- नौसेना बे़डा निरीक्षण 2016 में शामिल होने वाले ज्यादातर पोत और विमान विशाखापत्तनम पहुंच चुके हैं और वे अभ्यासों तथा तैयारियों में जुटे हैं। यह पहला मौका है जब नौसेना बेडा़ निरीक्षण बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया है। बंगाल की खाड़ी में इसका आयोजन करने का एक कारण देश की पूर्वोन्मुखी नीति भी है।
5- इस आयोजन में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की ओर निरंतर अग्रसर भारतीय नौसेना की छवि की झलक भी देखने का मिलेगी। विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और परमाणु पनडुब्बी तथा नौसेना के पी 8 आई टोही विमान समारोह में भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रतीक होंगे।
6- नौसेना के अनुसार उसके लिए यह आयोजन अपनी क्षमता और पेशेवर तकनीक के प्रदर्शन के साथ-साथ अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ संबंधों को बढ़़ाने में सेतु का काम करेगा। इस का थीम ‘समुद्र के माध्यम से मित्रता और एकता’ रखा गया है।
7- राष्ट्रपति प्रणइ मुखर्जी छह फरवरी को नौसेनाओं के बेडे़ का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद सात फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में संयुक्त अभ्यास के दौरान जंगी पोत और विमान अपनी संचालन तथा युद्ध तैयारियों की झलक दिखायेंगे।

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