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भाई-बहन में चुनावी दंगल ”साधु यादव ने कहा कि सियासत में सब चलता है’

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राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव ने मंगलवार को अपनी ही बहन राबड़ी देवी के खिलाफ सारण लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
हालांकि उन्होंने राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़ने का कारण नहीं बताया। पत्रकारों के पूछने पर यादव ने इतना जरूर कहा कि चुनाव के समय जनता के बीच इसका खुलासा करेंगे।
जब उनसे कहा गया कि परिवार में ही राजनीतिक लड़ाई का उनका फैसला चौंकाने वाला नहीं है, तो उन्होंने कहा कि सियासत में सब चलता है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस भाई (साधु यादव) को ‘नेता’ बनवाने के लिए वे अपने पति लालू प्रसाद से लगातार मनुहार करती रहीं, रूठती रहीं; वह उन्हीं के खिलाफ मैदान में होगा। जी हां, साधु यादव ने अपनी बहन राबड़ी के खिलाफ सारण संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है। बेशक, साधु कई वर्षो से लालू-राबड़ी से दूर थे, जुबानी लड़े भी लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि वे राबड़ी के सामने हो जाएंगे। हालांकि राबड़ी ने साफ कर दिया है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लोग सबकुछ देख रहे हैं, जानते हैं।
साधु ने लालू पर नया आरोप लगाया है। उनके अनुसार लालू प्रसाद ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से कहकर उनका टिकट कटवाया। साधु, पिछले दिनों नरेंद्र मोदी से मिले थे। इसके चलते कांग्रेस ने उनको बाहर कर दिया। साधु भाजपा में शामिल होना चाहते थे। मगर पार्टी की बिहार इकाई के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। बीच में उनके राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी में भी जाने की बात चली। यह भी संभव नहीं हुआ। अब उन्होंने सारण के मैदान में निर्दलीय उतरने की बात कही है।
साधु के अनुसार हाल की कुछ घटनाओं से साबित हो गया कि लालू प्रसाद अपराधियों की मदद के बिना राजनीति नहीं कर सकते हैं। वे अपराधियों की शरण में जा रहे हैं। (इशारा रीतलाल यादव की ओर)। उनके मुताबिक सारण के तीनों प्रमुख उम्मीदवार किसी न किसी सदन के सदस्य हैं। राजद की राबड़ी देवी और जदयू के सलीम परवेज विधान परिषद के सदस्य हैं। भाजपा के राजीव प्रताप रूडी राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि वे इस समय किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। राजनीतिक रूप से बेरोजगार हैं। वे इसी आधार पर सारण की जनता से वोट मांगेंगे।
साधु ने कहा कि लालू ने साजिश के तहत उन्हें बदनाम किया। राजद ने एक से एक अपराधी को संरक्षण दिया, जबकि उन पर हत्या या अपहरण का कोई मामला नहीं है। फिर भी लालू ने खराब छवि के नाम पर लोकसभा के पिछले चुनाव में उन्हें बेटिकट कर दिया। लोग देख रहे हैं कि लालू किस तरह के लोगों को उम्मीदवार बना रहे हैं?

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