बेगुनाह को फासी,83 वर्ष बाद खुलासा
अपराध, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें May 6, 2014 , by ख़बरें आप तकलाहौर पुलिस को 1928 में यहां एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम का उल्लेख नहीं मिला है. भगत सिंह को फांसी दिये जाने के 83 साल बाद मामले में महान स्वतंत्रता सेनानी की बेगुनाही को साबित करने के लिए यह बडा प्रोत्साहन है.
लाहौर पुलिस की विधिक शाखा के एक निरीक्षक ने अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश (लाहौर) तारिक महमूद जारगाम को सीलबंद लिफाफे में प्राथमिकी की सत्यापित प्रति सौंपी. भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष याचिकाकर्ता इम्तियाज राशिद कुरैशी ने याचिका दायर की थी, जिसमें भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के खिलाफ तत्कालीन एसएसपी जॉन पी सैंडर्स की हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी की सत्यापित प्रति मांगी गयी थी.
भगत सिंह को सैंडर्स की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गयी थी. फांसी दिये जाने के आठ दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद लाहौर पुलिस ने अदालत के आदेश पर अनारकली थाने के रिकॉर्ड की गहन छानबीन की. सैंडर्स हत्याकांड की प्राथमिकी में 17 दिसंबर 1928 को अपराह्न साढ़े चार बजे ह्यदो अज्ञात लोगोंह्ण के खिलाफ दर्ज किया गया था. एक पुलिस अधिकारी मामले में शिकायतकर्ता था. शिकायतकर्ता सह प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि जिस व्यक्ति का उसने पीछा किया वह पांच फुट पांच इंच लंबा था, हिंदू चेहरा, छोटी मूंछें और दुबली पतली और मजबूत काया. वह सफेद रंग का पायजामा और भूरे रंग की कमीज व काले रंग की छोटी क्रिस्टी जैसी टोपी पहने था. मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302,120 और 109 के तहत दर्ज किया गया थ
कुरैशी ने कहा कि भगत सिंह के मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधिकरण के विशेष न्यायाधीशों ने मामले के 450 गवाहों को सुने बिना उन्हें मौत की सजा सुनायी गयी. भगत सिंह के वकीलों को उनसे जिरह का अवसर नहीं दिया गया. कुरैशी ने लाहौर हाइकोर्ट में भी एक याचिका दायर की है. हाइकोर्ट ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा है ताकि सुनवाई के लिए वह वृहत पीठ का गठन करें.
तुरंत देखे
-
-
कांग्रेस के चार लोकसभा सांसद मानसून सत्र के लिए निलंबित
July 25, 2022 -
-
-
-
-
ये नया बिहार है! हुमा कुरैशी की दमदार सीरीज का ट्रेलर जारी
August 1, 2022 -
-
-
रीसेंट पोस्ट
- मिथिला की धरती दरभंगा में रुद्र फाउंडेशन ऑफ इंडिया (सामाजिक संस्था) रोहतास को राष्ट्रीय अवॉर्ड से किया गया सम्मानित
- बिहार बंद का मिला-जुला असर, कई स्थानों पर दिखी जोर जबरदस्ती
- भाजपा का बिहार में कुशवाहा जाति पर भरोसा कायम, नयी टीम में नहीं मिली महिलाओं को तवज्जो
- नरेंद्र मोदी ने पीएम पद से दिया इस्तीफा, 8 जून को मिल सकता है देश को नया प्रधानमंत्री
- गठबंधन (इंडिया) सीट बंटवारे पर सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही बात- खरगे
रीसेंट कमेंट्स