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बिहार:2022 तक राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता रोज 53.55 लाख लीटर होगी, आज 33717 करोड़ की योजनाओं का होगा शुभारंभ
ताज़ा समाचार, बिहार August 28, 2020राज्य में 2022 तक प्रतिदिन दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 33.55 लाख लीटर से बढ़कर 53.55 लाख लीटर हो जाएगी। बिहार राज्य मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (काॅम्फेड) की दूध प्रसंस्करण संयंत्र से लेकर पशु आहार कारखाना का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। सुधा हल्दी दूध, सुधा बेल्जियम चाॅकलेट आइसक्रीम सहित कई नए उत्पाद का भी शुभारंभ किया। दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र सहित इन सभी याेजनाअाें पर 221.73 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डॉ एन. सरवण कुमार ने कहा कि समस्तीपुर में 5 लाख की डेयरी संयंत्र स्थापित होने के बाद तत्काल यह क्षमता प्रति दिन 28.55 लाख लीटर से बढ़ कर 33.55 लाख लीटर हो जाएगा। इस संयंत्र पर 61.21 करोड़ लागत है। भोजपुर के बिहिया में 39.51 करोड़ की लागत से स्थापित पशु आहार कारखाना में 300 टन प्रतिदिन पशु आहार का उत्पादन होगा, 12.88 करोड़ की लागत से 364 मिल्कोस्क्रीन स्थापित की गई। यह दूध में मिलावट जांच करेगी।
8.51 करोड़ से भोजपुर, रोहतास, बेगूसराय, खगड़िया, गया, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, जमुई व बांका में डेयरी संयंत्र का सुदृढ़ीकरण। 4.34 करोड़ की लागत से 434 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र स्थापित किए गए। कार्यक्रम में मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, काॅम्फेड की एमडी शिखा श्रीवास्तव, महाप्रबंधक राजीव वर्मा, सीएम के सचिव मनीष कुमार वर्मा, आईपीआरड सचिव अनुपम कुमार, सीएम के ओएसडी गोपाल सिंह, विनय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आज 33717 करोड़ की योजनाओं का होगा शुभारंभ
पटना|मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय के सबसे महत्वपूर्ण ‘हर घर नल का जल’ और ‘घर तक पक्की गली-नाली’ के तहत शुक्रवार को 33 हजार 717 करोड़ की योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे। हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत पीएचईडी द्वारा 11 हजार 501 करोड़ की लागत से 31833 ग्रामीण वार्डों के 50 लाख 93 हजार घरों, पंचायती राज विभाग द्वारा 8 हजार 700 करोड़ की लागत से 58209 ग्रामीण वार्डों के 88 लाख घरों और नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 229 करोड़ की लागत से 687 शहरी वार्डों के 2 लाख 18 हजार घरों में पाइप द्वारा जलापूर्ति पहुंचाई गई है।
वहीं घर तक पक्की गली-नाली योजना के तहत पंचायती राज विभाग द्वारा 12 हजार 700 करोड़ की लागत से एक लाख 14 हजार ग्रामीण वार्डों और नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 586 करोड़ की लागत से 1898 शहरी वार्डों में काम पूरा हुआ है।
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