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बिहार सरकार ने बढ़ाये प्रोफेशनल टैक्स, जमीन रजिस्ट्री भी महंगी

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ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि बिहार पेशा, व्यापार, आजीविका एवं कार्य नियोजन कर अधिनियम, 2011 लाये गये इन लोगों में से वैसे जिनकी आय तीन लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को वार्षिक पेशाकर के तौर पर एक हजार रुपये तथा पांच से दस लाख रुपये वार्षिक आय वालों को 1500 रुपये तथा दस लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को पेशाकर के तौर पर अब प्रति वर्ष 2500 रुपये देय होंगे. उन्होंने बताया कि वैसे डीलर्स जो कि वैट या सीएसटी के तहत निबंधित हैं तथा जिनकी खरीद-बिक्री दस लाख से 20 लाख रुपये के बीच है को पेशाकर के तौर पर एक हजार रुपये, 20 से 40 लाख रुपये वाले को 1500 रुपये तथा 40 लाख से अधिक की खरीद-बिक्री करने वालों को 2500 रुपये प्रति वर्ष पेशाकर के तौर अदा करना होगा.
ब्रजेश ने बताया कि टैक्सी पैसेंजर कार मालिक को पेशाकर के तौर पर एक हजार रुपये ट्रक एवं बस मालिक को 1500 रुपये प्रतिवर्ष देना होगा. उन्होंने बताया कि केबल आर्पेटर, फिल्म वितरक, सिनेमा एवं थियेटर के मालिक अथवा संचालक, मैरेज हाल, कांफ्रेंस हाल, वाणिज्यिक हाल एवं आवासीय होटलों के मालिक एवं संचालक, पेट्रोल, डीजल एवं सर्विस स्टेशनों, हेल्थ सेंटर मालिक अथवा संचालक, लाईसेंसी विदेशी शराब विक्रेता, इंट भट्टा मालिक अथवा संचालक, बैंकिंग रिगुलेशन एक्ट 1949 के अधीन निबंधित बैंकिंग कंपनी, कंपनी एक्ट के तहत निबंधित कंपनियां जो कि किसी व्यवसाय में संलग्न है पर पेशाकर अब 2500 रुपये प्रति वर्ष देय होगा. ब्रजेश ने बताया उपरोक्त वर्णित प्रस्ताव के क्रियान्वयन से पूरे वित्तीय वर्ष में लगभग 75 करोड रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति अनुमानित है.
उन्होंने बताया कि राज्य के आर्थिक विकास की दर की गति प्रदान करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता के मद्देनजर मंत्रिपरिषद ने हाई स्पीड डीजल ऑयल एवं लाईट डीजनल ऑयल तथा पेट्रोल :मोटर स्प्रिट: पर अधिभार की दर 20 प्रतिशत से बढाकर 30 प्रतिशत किये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी. ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम 2005 की धारा 3 :ए: के प्रावधानों के अन्तर्गत विक्रेता द्वारा बिक्री के समय क्रेता से अधिभार वसूलनीय नहीं है फलत: अधिभार वस्तु के विक्रय मूल्य का हिस्सा नहीं बनता है. फलस्वरुप राज्य में बेचे जाने वाले डीजल एवं पेट्रोल के बिक्री मूल्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पडने की संभावना नहीं है.
उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन से चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 25 करोड रुपये प्रतिमाह एवं आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 330 करोड रुपये प्रतिवर्ष के राजस्व की अतिरिक्त प्राप्ति संभावित है. ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार मनोरंजन कर नियमावली 1984 के नियम 5 के अन्तर्गत निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत करने की तथा बिहार होटल विलास वस्तु करधान नियमावली 1988 के नियम 3 के अन्तर्गत निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत करने की समयावधि अब अनिवार्य रुप से 30 दिन के भीतर किये जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है.
उन्होंने बताया कि इससे राज्य में मनोरंजन कर अधिनियम तथा होटल विलास वस्तु कराधान अधिनियम के अन्तर्गत निबंधन प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण होगा तथा निश्चित समय सीमा के अंदर निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकेगा. ब्रजेश ने बताया कि सुशासन के कार्यक्रम 2015-2020 के अंतर्गत विकसित बिहार के सात निश्चय, कृषि रोड मैप, मानव विकास मिशन, कौशल विकास मिशन, औद्योगिक प्रोत्साहन और आधारभूत संरचना के विभिन्न कार्यक्रमों एवं सरकार के अन्य संकलपों का मिशन मोड में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, प्राथमिकताओं को निर्धारित करने एवं निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा नियमित अनुश्रवण करने के लिए गठित बिहार विकास मिशन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 46 पदों के सृजन को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन अथवा पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशनभोगियों अथवा पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक जुलाई 2015 के प्रभाव से 223 प्रतिशत के स्थान पर 234 प्रतिशत महंगाई भत्ता अथवा राहत प्रदान किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है. ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री के आप्त सचिवों में एक सरकारी तथा एक निजी की नियुक्ति को पुनर्निधारित किए जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है.

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