

बिहार में 1,2,5 और 10 के सिक्के नहीं ले रहे हैं बैंक और दुकानदार
अर्थव्यवस्था, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, बिहार July 21, 2017 , by ख़बरें आप तकनोटबंदी के बाद परेशान हुई आम जनता आज भी परेशानी से जूझ रही है. ताजा मामला है बैंकों द्वारा व्यवसायियों से सिक्के का नहीं लेना. यह समस्या इतनी बढ़ गयी है कि व्यवसायी भी ग्राहकों से सिक्के लेने में आनाकानी कर रहे हैं. इस समस्या से एक तरफ छोटे दुकानदार, छोटे व्यवसायी और आम लोग काफी परेशान हो रहे हैं. सूबे के लगभग सभी जिलों में इसके कारण हाहाकार मचा हुआ है. सबसे बड़ी समस्या उत्तर बिहार की आर्थिक राजधानी मुजफ्फरपुर में पैदा हो गयी है. वहां बैंक के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा वायदा करने और कार्रवाई करने की बात कहने के बाद भी स्थानीय बैंक दुकानदारों से सिक्के नहीं ले रहे हैं. इस परेशानी से दो चार हो रहे व्यापारियों ने गुरुवार को आरा में बाजार को बंद रखा.
आरबीआई की नियमावली की मानें तो एक ग्राहक एक दिन में एक हजार के सिक्कों की जमा-निकासी कर सकता है. मगर उत्तर बिहार के कई जिलों में ग्राहक दो से दस हजार तक के सिक्के लेकर बैंक पहुंच जा रहे हैं. बैंक इन्हें लेने से इनकार कर दे रहे हैं. दूसरी ओर निजी बैंकों का भी यही हाल है, करेंसी चेस्ट से भी बैंकों को लगातार मोटी रकम के रूप में सिक्के भेजे जा रहे हैं. इससे शाखाओं की परेशानी अलग बढ़ी हुई है. इन सभी समस्याओं के बीच आरबीआई ने बैंकों को निर्देश जारी किया है कि सिक्कों की जमा-निकासी में ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसका पूरा ख्याल रखें. इसके बाद भी भागलपुर, कोसी, सीमांचल और उत्तर बिहार के जिलों में छोटे दुकानदारों द्वारा सिक्के नहीं लिए जाने से आम आदमी और बैंकों द्वारा सिक्के नहीं लिए जाने से कारोबारी परेशान हैं.
बैंक अधिकारियों का कहना है कि सिक्के लेने के दौरान गिनने और लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. बैंक प्रबंधन कर्मचारियों के कमी का रोना पहले से रो रहे हैं. कुछ बैंकों में नोट गिनने की परेशानी है, वह सिक्के कहां से गिन सकते हैं. सिक्के गिनने की अभी तक कोई मशीन नहीं आयी है. दूसरी ओर छोटे कारोबारी कहते हैं कि उनके पास हजारों हजार के सिक्के पड़े हुए हैं. जिन्हें न तो ग्राहक लेने को तैयार होते हैं न हीं बैंक. छोटे दुकानदारों ने बताया कि उन्हें रोजाना दस और दो रुपये के साथ पांच रुपये के सैकड़ों सिक्के मिलते हैं, लेकिन जब वह उसे लेकर बड़े व्यापारी के पास पहुंचते हैं, तो वह लेने से इनकार करते हैं. इस तरह से पूरे बिहार के जिलों में सिक्कों को लेकर अफरा-तफरी मची हुई है. कुछ लोगों के पास इतने सिक्के जमा हो गये हैं कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें.
इन परेशानियों के अलावा बिहार में कई बार सिक्कों के बंद होने की अफवाह उड़ना भी इसका एक कारण है. छात्र-छात्राओं से लेकर छोटे बच्चे तक बिहार में सिक्का लेना नहीं चाहते हैं. इस समस्या की वजह से आरा के अलावा मुजफ्फरपुर शहर में भी लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं लेकिन इस समस्या से छुटकारा का फिलहाल कोई रास्ता नहीं दिख रहा है.
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