बिहार में महागठबंधन से जदयू के अलग होने के साथ ही अब कांग्रेस पार्टी भी टूट के कगार पर
आमने सामने, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, बिहार September 2, 2017 , by ख़बरें आप तकबिहार में महागठबंधन से जदयू के अलग होने के साथ ही अब कांग्रेस पार्टी भी टूट के कगार पर पहुंच गयी है. बिहार प्रदेश कांग्रेस के 14 विधायकों ने अलग अनौपचारिक समूह बना लिया है. इस समूह में 4 और विधायक के शामिल होने के साथ ही प्रदेश की राजनीति में भगदड़ मचने की संभावना जतायी जा रही है. सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि कांग्रेस के चौदह विधायक पार्टी से अलग होकर सत्ताधारी जदयू का हिस्सा होने का मन बना चुके है. इस समूह में 18 विधायकों का आंकड़ा पहुंचते ही बगावती गुट जदयू में शामिल हो जायेगा.
कांग्रेस पार्टी के इन 14 विधायकों को तो बस पार्टी के और चार विधायकों के अपने गुट में आने का इंतजार है. ताकि अपनी विधायकी कायम रखने के लिए जरूरी दो-तिहाई आंकड़े का इंतजाम हो जाए. मालूम हो कि बिहार में कुल 27 कांग्रेस विधायक हैं. ऐसे में पार्टी से अलग होकर भी विधायकी बची रहे, इसके लिए कम-से-कम दो तिहाई यानी 18 विधायकों का एक साथ टूटना जरूरी है.
इससे पहले पार्टी में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी और कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को गुरुवार को दिल्ली तलब किया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिहार कांग्रेस के भीतर जारी टूट की खबरों से अनजान रहने को लेकर प्रदेश के इन दोनों प्रमुख नेताओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए हर हाल में इसे रोकने के लिए कहा है.
इन वजहों से है नाराजगी
उल्लेखनीय है कि बिहार में कांग्रेस के 27 विधायकों के अलावा 6 विधान पार्षद भी हैं. इनमें दो एमएलसी अशोक चौधरी एवं मदन मोहन झा तथा दो एमएलए अब्दुल जलील मस्तान एवं अवधेश कुमार, महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे. इनके साथ ही कुछ और वरिष्ठ विधायकों को राज्य के विभिन्न बोर्डों और निगमों में जगह मिलने की आस थी, लेकिन नीतीश कुमार के अचानक से महागठबंधन से नाता तोड़कर दोबारा से भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार गठन के फैसले से इन्हें झटका लगा है. इसी कड़ी में कांग्रेस विधायकों की निराशा अब खुलकर सामने आने लगी है.
कांग्रेस का टूट से इनकार
कांग्रेस ने शुक्रवार को नीतीश कुमार पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे टूट का कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, पार्टी को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कोशिशें जरूर हुईं, जिनसे भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिद्धांतहीन राजनीति का पर्दाफाश हुआ है. लेकिन, वो कामयाब नहीं हुए. हालांकि इन सबके बीच मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा विधायक आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए जदयू के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.
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