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बिहार में कोसी ने धरा विकराल रूप- 29 की मौत, जायजा लेने पहुंचे नेताओं की पिटाई

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उफनाई नदियों का पानी उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिलों के गांव और शहर में घुसकर कहर ढा रहा है। बिहार के कई जिलों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। नेपाल से सटे राज्य के सीमावर्ती इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जानलेवा रूप ले लिया है। बिहार में बाढ़ से अब तक 29 लोगों की मौत हुई है और 8 जिले प्रभावित हैं।
सीतामढ़ी में बाढ़ से स्थिति हुई और गंभीर
जिले में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों का कहर लगातार जारी है। सोमवार को भी जिले के कई इलाकों में बाढ़ का कहर जारी रहा। लोगों के घरों में नदी का पानी घुस गया है, जिसकी वजह से लोग हाईवे, प्रमुख सड़क, स्कूल और रेलवे पटरी पर तम्बू लगा कर जैसे-तैसे रह रहे हैं। अब भी सैकड़ों की आबादी बाढ़ के पानी में घिरी हुई है।
हालांकि, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित निकाल ऊंचे स्थान पर पहुंचाने में लगी हैं। इसी बीच अब सीतामढ़ी शहर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। शहर के पुनौरा धाम मंदिर चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है। मंदिर के सामने स्थित शिवहर पथ में पांच फीट पानी का बहाव जारी है। शहर के रीगा रोड में सड़क पर पांच फीट पानी का तेज बहाव जारी है।
इसी बीच लखनदेई नदी में उफान के बाद सीतामढ़ी शहर से बाढ़ का पानी जिला मुख्यालय डुमरा की ओर फैल रहा है। उधर, नदियों के तेवर में तल्खी जारी है। बागमती और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सीतामढ़ी का पड़ोसी जिला शिवहर, पूर्वी चंपारण और पड़ोसी देश नेपाल से सड़क संपर्क भंग हैं।
सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर चैनपुर के पास धंसी पटरी को ठीक कर लिया गया है। इस रेलखंड पर मालवाहक ट्रेन का परिचालन कराया गया है। कुछ घंटे बाद इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इधर, सुप्पी और पुपरी में क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मत जारी है।
डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने अधिकारियों के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। डीएम ने बताया है कि जिले के 15 प्रखंडों के 138 पंचायत बाढ़ की गिरफ्त में हैं। सौ से अधिक स्थानों पर सामुदायिक किचन की व्यवस्था है। एसडीआरएफ की तीन और एनडीआरएफ की एक टीम के अलावा अधिकारियों की टीम प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव के काम में लगी है।
रविवार को कई जिलों में टूट गए थे तटबंध
रविवार की सुबह मधुबनी में सात और दरभंगा में चार जगहों पर तटबंध टूट गए। इससे दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। विभिन्न जगहों पर 23 लोगों की डूबने से मौत हो गई। इनमें उत्तर बिहार में 19 और सीमांचल में 4 लोगों की मौत की खबर है।
बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी जिला शामिल हैं। बाढ़े से अररिया में अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, तो वहीं मोतिहारी में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 10 है। प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम लगातार जारी है। लोग प्रभावित इलाकों से निकल कर सड़कों पर शरण लिए हैं।
सुपौल में डरा रही कोसी, आधी रात घरों में घुसा पानी
सुपौल में कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आधी रात को घरों में पानी घुसने से तटबंध के अंदर के गांवों में अफरा-तफरी मच गई। किसी का घर बह गया तो किसी के मवेशी बह गए। पूर्वी तटबंध के 33.90 किमी स्पर के ऊपर से पानी बह रहा है। यह स्पर एनएच 57 से बिलकुल सटा है।
कोसी के आक्रामक रुख के कारण तटबंध के दर्जनों बिंदुओं पर दबाव बना हुआ है। अररिया शहर के लगभग 10 हजार लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। अररिया जिला परिसदन, डीटीओ, भवन निर्माण व लघु सिंचाई विभाग कार्यालय बाढ़ के पानी में डूब गया है। किशनगंज की नदियों के जलस्तर में अब आंशिक रूप से कमी आने लगी है। महानंदा का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर है।
एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश रविवार को थोड़ी थमी, लेकिन कोसी-सीमांचल के लोगों की मुसीबत शुरू हो गई है। सुपौल से कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। शनिवार रात को कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोले जाने के कारण सुपौल-सहरसा के लगभग 12 दर्जन गांव जलमग्न हो गए थे। अब सुपौल-सहरसा में तो कोसी घट रही है, लेकिन बराज से निकला पानी कटिहार में कोसी के जलस्तर को बढ़ा रहा है। जिन गांवों में पानी घुस गया है, वहां के लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में बाहर निकल रहे हैं।
भागलपुर के नवगछिया में कटाव
नेपाल के कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद नवगछिया अनुमंडल के कोसी तटवर्ती गांवों में जलप्रलय की संभावना तेज हो गई है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से खरीक और बिहपुर प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों में भीषण कटाव शुरू हो गया है। गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। यह देख गांवों से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। अपने-अपने घरों से सामान निकाल कर दर्जनों परिवार सुरक्षित स्थान की तरफ निकल पड़े हैं।
मधुबनी में सांसद की पिटाई
झंझारपुर सांसद रामप्रीत मंडल को नरुआर गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल सांसद कमला बलान नदी के बांध टूटने की सूचना पर लोगों का हाल जानने पहुंचे थे। वह हाल-चाल जानने के बाद वापस आने लगे थे।
उन्होंने लोगों को बचाने के लिए किसी तरह की कोई रेस्कयू ऑपरेशन चलाने का कोई आश्वासन नहीं दिया। इस पर उन्हें आक्रोशित ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। किसी तरह सांसद को बचाया गया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया।
अररिया में बाढ़ पीड़ितों ने सांसद को घेरा
फारबिसगंज प्रखंड मुख्यालय पर लाठी डंडे से लैस बाढ़ पीड़ितों ने सांसद को रविवार शाम घेर लिया। लोगों ने बाढ़ राहत सामग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंचने का आरोप लगाया और सांसद को जमकर खरी खोटी सुनाई।
गुस्साए पीड़ितों ने कहा क्या हम इसलिए वोट देते हैं क्या? हमारे साथ चलकर देखिए कि बाढ़ से हमारा कितना बुरा हाल है। इसके बाद सांसद ने पीड़ितों के दबाव में प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने सरकारी स्तर पर जल्द से जल्द हर संभव मदद का भरोसा दिया।
मुजफ्फरपुर के दो हजार घरों तक पहुंचा बाढ़ का पानी
मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी का जलस्तर स्थिर रहने के बावजूद कटरा व औराई में बाढ़ की स्थिति नाजुक बनी है। दो हजार घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पूर्वी चंपारण के नए इलाकों में पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। यहां डूबने से आठ की मौत हो गई है।
सीएम नीतीश ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
बाढ़ की समीक्षा करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हवाई दौरा करने के बाद राहत और बचाव के काम में तेजी लाने का निर्देश जारी किया था। सीएम नीतीश ने शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, मघुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर का हवाई सर्वे किया। इस दौरान सीएम के साथ जल संसाधन मंत्री भी मौजूद थे। बिहार में बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी लगी है।

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