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बिहार में अनुदान, पेंशन और छात्रवृत्ति राशि अब सीधे खाते में

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राज्य में व्यक्तिगत लाभ की चल रही सारी योजनाओं का पैसा अब सीधे लाभुकों के खाते में जाएगा। इसके अलावा सरकारी सेवा में भर्ती के लिए आवेदन देने की उम्र सीमा में दी गई दो साल की छूट की अवधि अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दी गई है। इसका लाभ सभी वर्गों के आवेदकों को मिलता रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 36 एजेंडों पर मुहर लगी।
प्रधान कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य में जितनी भी व्यक्तिगत लाभ की योजनाएं चल रही हैं, उसका पैसा सीधे लाभुकों के खाते में जाएगा। इसके लिए आरटीजीएस और एनईएफटी का उपयोग किया जाएगा। अनुदान और छात्रवृति भी इसी माध्यम से लाभुकों के खाते में जाएगी। जिन छात्रों के पास अपना खाता नहीं है, उनकी छात्रवृति की राशि उनके अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी।
वृद्धा पेंशन और दूसरी पेंशन योजनाओं के लाभुकों को पेंशनधारियों की तरह साल में एक बार जीवित प्रमाण पत्र देना होगा। सरकार की इस व्यवस्था से दर्जनभर योजनाओं के लाखों लाभुकों को लाभ होगा। अनुदान और छात्रवृति के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
शरी मेहरोत्रा ने बताया कि पहले राज्य में सरकारी सेवा में भर्ती के लिए उम्र सीमा 35 वर्ष थी। पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए 38 वर्ष और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 40 वर्ष थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसमें दो साल की छूट दी थी। उस छूट की मियाद इसी वर्ष खत्म हो रही है।लिहाजा कैबिनेट ने इसे अनिश्चित काल के लिए बढ़़ा दिया। यानी सरकारी सेवा में भर्ती के लिए सामान्य, पिछड़ा और अनुसूचित जाति के आवदेकों की उम्र सीमा स्थाई रूप से 37 वर्ष 40 वर्ष और 42 वर्ष कर दी गई है। सरकार जब तक इसमें संशोधन नहीं करती है, यह व्यवस्था लागू रहेगी।

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