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बिहार बना दूसरी हरित क्रांति का केंद्र

कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार

पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति का नेतृत्व भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (आईसीएआर) पटना अनुसंधान परिसर को मिला है। नोडल एजेंसी नामित होने के बाद मंगलवार को आईसीएआर परिसर में पहली बैठक हुई। वैज्ञानिकों ने कहा कि बिहार सहित पूर्वी भारत के सभी राज्यों में वे सारे संसाधन मौजूद हैं। इससे देश में दूसरी हरित क्रांति लाई जा सके।
पशु संरक्षण व जल प्रबंधन पर ध्यान : द्वितीय हरित क्रांति को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आयोजित इस बैठक के मुख्य अतिथि बिहार के कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने कहा कि अनाज उत्पादन के साथ ही पशुपालन, मुर्गीपालन और मछली पालन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पशु संरक्षण व जल प्रबंधन पर भी ध्यान देने की बात कही।
देश का कुल 21 फीसदी भू-भाग पूर्वी भारत में : कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि पूर्वी भारत में देश का कुल 21 फीसदी भूभाग है, जबकि इस भू-भाग पर 34 फीसदी आबादी है। पशुओं की आबादी भी अधिक है। इस दबाव को ध्यान में रखते हुए दूसरी हरित क्रांति के लिए काम करना होगा। अच्छी बात यह है कि पूर्वी भारत में जमीन उपजाऊ होने के साथ ही, सिंचाई के लिए पानी तथा अन्य संसाधन उपलब्ध हैं।
राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित होगा : आईसीएआर पटना के निदेशक डॉ. बीपी भट्ट ने कहा कि पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति के कार्यकलापों की देखरेख आईसीएआर पटना से करने की अहम जिम्मेदारी मिली है। राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम होगा।

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