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बिहार के एक ही परिवार के ये दो लाल सीमा पर हो गये शहीद

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जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीमा पर देश की रक्षा में तैनात बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के बभनौली गांव निवासी शशिकांत पांडेय पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले में शनिवार को शहीद हो गये. रविवार को जब उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, तो पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगे. आलम यह कि शशिकांत का अंतिम यात्रा निकलने के समय पूरे गांव में मातमी माहौल पसरा हुआ था. शशिकांत की शहादत की खबर सुनकर ग्रामीण व जनप्रतिनिधि शहीद के दरवाजे पर शनिवार रात में ही पहुंचने लगे थे. सभी की आंखों से आंसू छलक रहे थे. वहीं, देश की रक्षा के लिए शहीद होने पर फख्र भी था. इस परिवार के लोगों की जांबाजी और देशभक्ति की कहानी यह है कि कारगिल युद्ध के दौरान शशिकांत के बड़े भाई मनोज पांडेय अपना पराक्रम दिखाते हुए शहीद हो गये थे. सभी के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि इस परिवार के दो लाल देश के लिए शहीद हो गये. दोनों की शदत पर हमें गर्व है.
नहीं हुई थी अभी शशिकांत की शादी
शनिवार को जैसे ही सीमा पर शशिकांत के शहीद होने की खबर पैतृक गांव बभनौली व धनबाद में भाई के आवास पहुंची, तो घर में मातम छा गया. मां व बड़े भाई श्रीकांत पांडेय शनिवार को ही गांव पारिवारिक काम से आये थे. धनबाद से उनके अन्य परिजनों ने घटना की सूचना दी. सूचना मिलने के बाद श्रीकांत मां व बड़े भाई के साथ धनबाद रवाना हो गये. शशिकांत पांडेय अपने माता-पिता के साथ धनबाद में ही रहते थे. इनकी पढ़ाई भी धनबाद में ही हुई थी.
पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में है रोष
शशिकांत पांडेय के धनबाद के जियलगोरा स्थित आवास पर रविवार को जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों का आना-जाना लगा रहा. लोगों में शहादत को लेकर जहां गर्व की भावना है, वहीं आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है. शहीद का शव सोमवार की सुबह जियलगोरा स्थित आवास पहुंचेगा. शहीद जवान के आवास पर रविवार को सांसद पीएन सिंह, पूर्व विधायक कुंती देवी, पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक, पूर्व मंत्री आबो देवी, बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो पहुंचे.
खबर सुनकर ही बिलख पड़ी शहीद शशिकांत की मां
सभी ने शहीद के पिता राजेश्वर पांडेय से मिल कर उन्हें ढांढ़स बंधाया. गांव से पहुंची शहीद की मां ललिता देवी अपने छोटे पुत्र शशिकांत पांडेय के शहीद होने की खबर सुनते ही रो पड़ी. वह रोते रोते बार-बार बेहोश हो रही थी. मन शांत होने पर उन्होंने कहा कि बेटे की शादी नहीं कर सकी. अफसोस रहेगा. बड़ी तमन्ना थी कि धूमधाम से ‍उसकी शादी करूं. बड़े पुत्र श्रीकांत पांडेय अपनी मां को ढांढ़स बंधा रहे थे.
शहीद का स्मारक बनाने की मांग
स्थापित होगी शहीद की प्रतिमा
धनबाद के जोड़ापोखर थाना चौक के पास शहीद शशिकांत पांडेय की प्रतिमा स्थापित कराया जायेगा. इसके लिए विधायक ढुलू महतो ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर शहीद के नाम पर चबूतरे का निर्माण करा दिया. वहीं जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का नाम बदल कर शहीद शशिकांत पांडेय के नाम से करने की मांग की गयी.

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