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बिहार की राजनीति के डीएनए में जातिवाद

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भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यह कहते हुए खलबली मचा दी कि बिहार की राजनीति के डीएनए में जातिवाद है और इसीलिए यहां जाति पर ज्यादा बातें होती हैं. भागलपुर में चुनाव प्रचार में जाने के पहले गडकरी ने शनिवार की सुबह पटना में प्रेस कांफ्रेंस में यह टिप्पणी कर बैठे-बिठाये विरोधी दलों को भाजपा पर प्रहार का मौका दे दिया.
राजद और कांग्रेस तो बयानबाजी तक सीमित रही, लेकिन जदयू ने कहा कि वह इस मामले को चुनाव आयोग के पास ले जायेगा. श्री गडकरी से प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया था कि भाजपा भी तो अति पिछडे के बेटे को प्रधान मंत्री बनाने की अपील कर रही है, क्या यह जातिवाद नहीं है? इस पर उन्होंने कहा कि पहली बार किसी चाय बेचने वाले के बेटे को भाजपा ने पीएम के रूप में प्रोजेक्ट किया, तो इसमें कोई अपराध तो नहीं किया.
भाजपा जाति नहीं, गुणों की बात करती है. फायदे-नुकसान की हम चिंता नहीं करते. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि गडकरी को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए. बिहार सामाजिक समरसता, उदारता और सांप्रदायिक सौहाद्र्र की भूमि है. कांग्रेस ने इसे बिहार का अपमान बताया, तो राजद ने कहा, भाजपा को बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. लेकिन, गडकरी के बचाव में उतरे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा, सच बोलने पर राजद, कांग्रेस व जद यू को मिरची लग रही है.

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