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बिहार की राजधानी पटना क्यों बना दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर?

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डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में भारत के 14 शहर शामिल
नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है, जिसमें 14 शहर भारत के हैं. हैरान करनेवाली बात है कि टाॅप 10 में बिहार के तीन शहर शामिल हैं. गया चौथे, पटना पांचवें और मुजफ्फरपुर नौवें स्थान पर है. सवाल है कि इस बदहाली की वजह क्या है. दरअसल, बिहार के इन शहरों के मुकाबले हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहर आबादी के लिहाज से बड़े हैं, लेकिन बेहतर अरबन प्लानिंग और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से इन शहरों को प्रदूषण की समस्या से जूझना नहीं पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर प्रदूषण के मामले में दुनिया में टॉप पर है, तो दिल्ली छठे नंबर पर है. वहीं वाराणसी तीसरे नंबर पर है.
ये आंकड़े इन शहरों की जहरीले वायु गुणवत्ता के आधार पर जारी किये गये हैं. इस रिपोर्ट में पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर को शामिल किया गया है. वायु प्रदूषण का बड़ा स्रोत पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम को माना गया है, जिसमें सल्फेट, नाइट्रेट और काले कार्बन जैसे प्रदूषक – इसमें घरों, उद्योग, कृषि और परिवहन द्वारा ऊर्जा का अक्षम उपयोग शामिल हैं.
शहरों में रिसर्च : मालूम हो कि 2.5 पीएम (फाइन पर्टिकुलर मैटर) को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण पर 100 देशों के 4000 शहरों में रिसर्च के बाद ये आकंड़े सामने आये हैं. यह 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़े हैं.
डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा िक वायु प्रदषूण हृदय एवं सांस संबंधी बीमारियों तथा फेफड़ों के कैंसर जैसे रोगों का कारक है.
दूषित क्यों हो रही हवा
औद्योगिक कचरे से लेकर वाहन उत्सर्जन और सड़कों की धूल इत्यादि के चलते भारत के 14 शहर दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हो गये हैं. भारी कणों के मुकाबले अति सूक्ष्म कण ज्यादा वक्त हवा में टिकते हैं. इसके सांस के जरिये मानव और पशुओं में जाने की ज्यादा आशंका होती है.
10 में से नौ की मौत प्रदूषण से
वश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, धरती पर 10 लोगों में से नौ लोग प्रदूषित हवा सांस के रूप में लेते हैं, और इससे हर साल सात मिलियन लोगों को की मौत होती है. हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर से लगभग एक चौथाई मौत की वजह वायु प्रदूषण ही होता है.
पटना पांचवें स्थान पर
पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तरों दोनों के मामले में दुनिया में पांचवां सबसे प्रदूषित शहर पटना है. विशेषज्ञों का कहना है कि परिवहन , सड़क की धूल , घरेलू स्रोत , जनरेटर सेट , खुले में कचरा जलाना , विनिर्माण उद्योग , ईंट भट्टे और भवन निर्माण गतिविधियों के चलते यहां वायु प्रदूषण की यह स्थिति है.
क्या करें उपाय
अरबन और एग्रीकल्चर वेस्ट का बेहतर प्रबंधन
क्लीन विशेषकर प्राकृतिक ऊर्जा का इस्तेमाल
परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर पर जोर
अरबन प्लानिंग में निवेश की जरूरत
उद्योग व निकाय कूड़ा प्रबंधन सुधारने की जरूरत
विकास के साथ शहरों में हरियाली बढ़ाना

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