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बलूचिस्तान पर चुप रहे भारत, नहीं तो खलिस्तान, नॉर्थ ईस्ट और माओवादियों का मुद्दा उठाएगा पाकिस्तान

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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनियाभर में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान अब नए-नए हथकंडे अपना रहा है। उसने अपने दो विशेष राजनयिकों को अमेरिका भेजा है जो कश्मीर के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए अमेरिका से गुहार लगा रहे हैं। इतना ही नहीं पाक के ये दोनों राजनयिक बलूचिस्तान के मुद्दे पर भारत को भी धमकी दे रहे हैं।
इनका कहना है कि अगर भारत बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना बंद नहीं करता है, तो पाकिस्तान खालिस्तान, नागालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम और माओवाद विद्रोह का मुद्दा उठा सकता है। दोनों उच्चायुक्तों से वॉशिंगटन डीसी में आतंक को समर्थन देने, परमाणु हमले की धमकी और पाकिस्तान के एक राष्ट्र राज्य के रूप में असफल होने को लेकर तीखे सवाल पूछे गए।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक स्टीम्सन सेंटर में उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए कश्मीर मसले पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विशेष दूत मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा, ‘जब आप शांति की बात करते हैं, तो काबुल में शांति का रास्ता कश्मीर से जुड़ता है। आप शांति को बांट नहीं सकते, एक भाग को अलग नहीं कर सकते। आप काबुल में शांति चाह सकते हैं, लेकिन कश्मीर को जलते नहीं छोड़ सकते.. ऐसा नहीं हो सकता।’पाक राजनयिकों ने अमेरिका को यह चेतावनी भी दी कि यदि कश्मीर और भारत के संबंध में पाकिस्तान के विचारों को तवज्जो नहीं दी गई तो वह चीन, रूस और ईरान का रुख करेगा। पाकिस्तानी अधिकारी वाशिंगटन डीसी में भारत के उन आरोपों के खिलाफ ढोल पीट रहे हैं जिसमें हिन्दुस्तान ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को रोकने में नाकाम राष्ट्र रहा है, परमाणु उत्तेजना का प्रदर्शन करता है और एक राष्ट्र के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में पिछड़ सा गया है।
दूसरे राजनयिक मंसब ने कहा, “इस वक्त हमारा एकमात्र मकसद है और वह है कश्मीर में शांति बहाली। जबतक यह मुद्दा नहीं सुलझता तबतक वहां शांति बहाली नहीं हो सकती है।” उन्होंने कहा, “भारत-पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियारों से लैश पड़ोसी देश हैं। हम कश्मीर मुद्दे पर दोनों पक्षों से शांति चाहते हैं।” सैयद ने कहा, “हम अमेरिका से गुजारिश करते हैं कि वह भारत को कश्मीर में शांति बहाली की दिशा में कदम उठाने को कहे।”सैयद ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वो बलूचिस्तान की बात करेंगे तो पाकिस्तान भी खालिस्तान, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम और माओवादी उग्रवाद की बात करेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम ऐसा करना नहीं चाहते हैं क्योंकि यह पड़ोसी राष्ट्र के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा है लेकिन जरूरत पड़ी तो जैसे को तैसे जवाब देना पड़ेगा।
इसके साथ ही सैयद ने कहा कि सीमा पर शांति बहाली के लिए पाकिस्तान हिन्दुस्तान से हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। गौरतलब है कि 18 सितंबर को उरी में सेना के कैम्प पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के सात कैम्पों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

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